Shiv Ji Puja Rules: पूजा के समय भूलकर भी न चढ़ाएं ये सामान अन्यथा महादेव हो जाएंगे नाराज !

punjabkesari.in Tuesday, Jul 18, 2023 - 08:26 AM (IST)

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Shiv Ji Puja Rules: श्रावण मास में शिवलिंग की पूजा का खास महत्व और पुण्य रहता है। हालांकि शिवलिंग पर कोई भी चीज अर्पित करने या चढ़ाने से पहले जान लें कि क्या नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा शिवजी नाराज हो सकते हैं। आओ जानते हैं वर्जित पूजा सामग्री।

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Forbidden worship material वर्जित पूजा सामग्री

Flower फूल: केतकी, मदंती, केवड़ा, जूही, कुंद, शिरीष, कंद, अनार के फूल, कदम्ब के फूल, सेमल के फूल, सारहीन/ कठूमर के फूल, कपास के फूल, पत्रकंटक के फूल, गंभारी के फूल, बहेड़ा के फूल, तिंतिणी के फूल, गाजर के फूल, कैथ के फूल, कोष्ठ के फूल, कनेर, कमल और धव के फूल और लाल रंग के फूल भी नहीं चढ़ाते हैं।

Turmeric हल्दी: हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है इसलिए हल्दी को शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है ले‍किन शास्त्रों के अनुसार साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान शिव को हल्दी चढ़ाई जाती है, जब उनका विवाह हुआ था।

Mehndi मेहंदी: मेहंदी का उपयोग भी सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है और यह सुहाग का प्रतीक भी है इसलिए महादेव को यह अर्पित नहीं की जाती।

Kumkum or Roli कुमकुम या रोली: कुमकुम और रोली भी शिवलिंग पर नहीं लगाई जाती है। यह विष्णु प्रिय लक्ष्मी और सुहाग का प्रतीक है इसलिए इसे भी अर्पित नहीं करते।

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तुलसी: तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी। जिसका शिव जी ने वध किया था। वृंदा इससे दुखी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने अलौकिक और दैवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ती।

Sesame तिल: कई लोग जल या दूध अर्पित करते वक्त उसमें काले तिल मिलाकर अर्पित करते हैं। तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता और इसे शनिदेव एवं पितरों को ही अर्पित किया जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।

Rice चावल: कुछ मौकों को छोड़कर शिवजी को चावल भी अर्पित नहीं करते हैं। खासकर टूटे चावल तो भूलकर भी अर्पित नहीं करते हैं।

Coconut नारियल: शिवजी को नारियल या नारियल का पानी भी अर्पित नहीं किया जाता क्योंकि नारियल को श्रीफल कहते हैं। श्रीफल यानी की लक्ष्मी माता का स्वरूप। ऐसा करने से भगवान शिव अपने भक्तों से नाराज हो जाते हैं।

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Shell शंख या शंख से जल: भगवान विष्णु को शंख प्रिय है। भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था।

Vermilion सिंदूर: सिंदूर को विवाहित स्त्रियों का गहना माना जाता है और महिलाएं इसे पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं। शिव पुराण के अनुसार महादेव विध्वंसक के रूप में जाने जाते हैं और वे अपने माथे पर राख डालते हैं। इस वजह से शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाना वर्जित है।

पूजा गुप्ता सपाटू
Poojagold458@gmail.com

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Content Writer

Niyati Bhandari

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