Shimla Bantony Castle: वास्तुकला से समृद्ध है शिमला का ऐतिहासिक बैंटनी कैसल, जानें इतिहास
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 02:07 PM (IST)

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Shimla Bantony Castle: शिमला शहर के बीचों-बीच स्थित लगभग डेढ़ दशक पुराने भवन बैंटनी कैसल का हिमाचल प्रदेश सरकार ने जीर्णोद्धार कर दिया है। जीणोद्धार के उपरांत अब इस भवन को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, हिमाचल में सेब के जनक कहे जाने वाले प्रसिद्ध समाज सेवी सत्यानंद स्टोक्स व हिमाचल निर्माता डा. वाई.एस. परमार की दीर्घाएं स्थापित की गई हैं। इस भवन में एक संग्रहालय भी है, जिसमें ब्रिटिश शासन काल की कई वस्तुएं रखी हैं। यह भवन कालीबाड़ी मंदिर और इवनिंग कालेज के बीच स्थित है।
इस भवन का बहुत ही पुराना इतिहास रहा है। बैंटनी कासल अपने सुंदर दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। पहले शिमला में स्थित ग्रांड होटल गवर्नर जनरल लार्ड बैंटिक का आवास स्थान था। इस बैंटनी कासल का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है।
यह सिरमौर के राजा का आवास भी था और इसे 19वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था। इस भवन के निर्माण से पहले इस एस्टेट में केवल एक कॉटेज थी, जो कैप्टन ए. गार्डन की थी।
बाद में वर्ष 1880 में भवन का निर्माण किया गया और यह सिरमौर के महाराजा का गर्मियों का निवास स्थान बन गया। इस कासल का डिजाइन टी.ई.जी. कपूर द्वारा बनाया गया था।
पहले विश्व युद्ध के समय महाराजा सिरमौर ने इस भवन को सेना के लिए अस्थायी कार्यालय के लिए भारत सरकार को सौंप दिया था। इसे बाद में शिमला के एक कारोबारी को बेचा गया।
आजादी के बाद लाहौर स्थित ‘द ट्रिब्यून’ अखबार के कार्यालय को इस भवन में स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद यह कासल हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक का कार्यालय बना रहा।
2017 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस सम्पत्ति को अपने अधीन ले लिया और ऐतिहासिक व वास्तुकला से समृद्ध इस धरोहर भवन का जीर्णोद्धार किया गया।