Shattila Ekadashi 2026: किस दिन मनाई जाएगी साल की पहली षटतिला एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 03:49 PM (IST)
Shattila Ekadashi 2026 : सनातन धर्म में एकादशी व्रत का स्थान सर्वोपरि माना गया है और जब बात माघ मास की षटतिला एकादशी की हो, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। साल 2026 का आगाज़ आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हो रहा है, क्योंकि जनवरी के मध्य में ही वर्ष की पहली एकादशी दस्तक दे रही है। यह पावन तिथि न केवल भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है, बल्कि तिल के छह विशेष उपयोगों के कारण इसे बेहद कल्याणकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी का व्रत करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मांतर के पापों का शमन होता है। नए साल में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत की सही तारीख और शुभ मुहूर्त जानना हर श्रद्धालु के लिए आवश्यक है। तो आइए जानते हैं षटतिला एकादशी 2026 के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में-
षटतिला एकादशी 2026 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2026 की पहली षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाएगी। एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 जनवरी 2026 को दोपहर 3 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और एकादशी तिथि का समापन अगले दिन 14 जनवरी 2026 को शाम 5 बजकर 52 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, एकादशी का मुख्य व्रत और अनुष्ठान 14 जनवरी 2026 को ही किया जाएगा।
षटतिला एकादशी का महत्व
इस एकादशी का नाम 'षटतिला' इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन तिल का छह अलग-अलग तरीकों से उपयोग करने का विधान है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन तिल का दान, स्नान, तर्पण, उबटन, भोजन और आहुति में प्रयोग करता है, उसे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास में पड़ने वाली यह एकादशी स्वर्ण दान के समान फल देने वाली है। अनजाने में हुए पापों के प्रायश्चित के लिए यह दिन सर्वोत्तम माना गया है। तिल का दान करने से व्यक्ति को नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और उसे वैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है।
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