Sharad Purnima Kheer Vastu: शरद पूर्णिमा पर इस दिशा में रखें खीर, Negative powers से मिलेगी सुरक्षा
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 02:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sharad Purnima Kheer Vastu: शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। यह रात चंद्रमा की पूर्णिमा के साथ जुड़ी हुई है और इसे श्रीकृष्ण की रासलीला की रात भी कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृत तत्व होता है, जो स्वास्थ्य, धन और आयु में वृद्धि करता है। इसलिए इस रात विशेष रूप से खीर का प्रसाद बनाया जाता है। शरद पूर्णिमा पर खीर को उत्तर या पूर्व दिशा में, स्वच्छ स्थान पर और उचित विधि से रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। वास्तु और शास्त्र दोनों के अनुसार यह एक पवित्र परंपरा है जो पूरे परिवार के लिए लाभकारी साबित होती है।
शास्त्रों के अनुसार खीर रखने की दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर खीर रखते समय निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिए-
उत्तर या पूर्व दिशा: खीर को घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। यह दिशा धन, समृद्धि और शुभ ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।
साफ स्थान: खीर हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें। मिट्टी या चमड़े के पात्र का उपयोग न करें। सबसे अच्छा है कि चांदी, तांबे या कांच के बर्तन का उपयोग किया जाए।
उच्च स्थान पर रखें: खीर को जमीन से ऊपर किसी साफ थाली या मेज पर रखें, ताकि इसे नीचे की नकारात्मक ऊर्जा से बचाया जा सके।
खीर रखने का तरीका
खीर को साफ और पवित्र हाथों से सजाएं। खीर में केसर, सूखे मेवे और थोड़ी मिठास डालकर इसे और पवित्र बनाएं। खीर के बर्तन के ऊपर दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर हल्का झुकाव रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह उत्तम रहे। खीर की थाली के चारों ओर दीपक जलाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
शास्त्रीय महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि शरद पूर्णिमा पर खीर को सही दिशा और विधि से रखने पर:
घर में धन और समृद्धि आती है।
परिवार में स्वास्थ्य और सुख-शांति बनी रहती है।
बच्चों और बड़ों के जीवन में चंद्रमा की शुभ ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है।
यह विशेष रूप से श्रीकृष्ण की रासलीला की रात से जुड़ा होने के कारण आध्यात्मिक लाभ भी देता है।