शनिदेव के खास मंदिर, जहां दर्शन करने से दूर होते हैं शनि दोष

punjabkesari.in Friday, May 05, 2017 - 12:55 PM (IST)

जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा हो जाती है वह रंक से राजा बन जाता है। यहां शनिदेव के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताया गया है जिनके दर्शन करने से व्यक्ति को शनि दोषों से मुक्ति मिलती है। 
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शनि मंदिर कोसीकलां
दिल्ली से 128 कि.मी. दूर कोसीकलां पर भगवान शनिदेव का मंदिर स्थित हैं। इसके आस-पास नंदगांव, बरसाना और श्री बांकेबिहारी मंदिर भी है। कहा जाता है कि यहां की परिक्रमा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। माना जाता है कि यहां पर शनिदेव को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दर्शन दिए थे अौर वरदान दिया था कि जो भी भक्त इस वन की परिक्रमा करेगा उसे शनिदेव कभी भी कष्ट नहीं पहुंचाएंगे। 
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कष्टभंजन हनुमान मंदिर
गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में रामभक्त हनुमान का मंदिर स्थित है। इसे कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी के साथ शनिदेव विराजित हैं। शनिदेव स्त्री रूप में हनुमान जी के चरणों में बैठे दिखाई देते हैं। यदि कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने मात्र से सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इसी वजह से इस मंदिर में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
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शनि मंदिर, इंदौर
इंदौर के जूनी इंदौर में भगवान शनिदेव का मंदिर स्थित है। यह मंदिर शनिदेव के अन्य मंदिरों से भिन्न है। यहां भगवान शनिदेव का 16 श्रृंगार किया जाता है। अन्य मंदिरों में शनिदेव की प्रतिमा पर कोई श्रृंगार नहीं किया जाता। लेकिन यहां शनिदेव को रोज शाही कपड़े भी पहनाए जाते हैं। 
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शनिश्चरा मंदिर ग्वालियर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में शनिदेव का प्राचीन मंदिर स्थित है। माना जाता है कि हनुमान जी ने लंका से शनिदेव को यहां फेंका था। तभी से शनिदेव यहां पर विराजमान हैं। यहां पर शनिदेव को तेल अर्पित करने के बाद गले मिलने की प्रथा भी है। यहां आने वाले भक्त प्यार से शनिदेव के गले मिलकर उनसे अपनी तकलीफें बांटते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से सनिदेव उनकी सारी तकलाफें दूर कर देते हैं। 
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शनि शिंगणापुर
महाराष्ट्र के शिगंणापुर नामक गांव में शनिदेव का मंदिर स्थित है। यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर से लगभग 35 कि.मी. की दूरी पर है। यहां शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं। इसके साथ ही इस गांव की एक खास बात है कि यहां किसी भी घर में ताला नहीं लगाया जाता। माना जाता है कि यहां के सभी घरों की सुरक्षा स्वयं शनिदेव करते हैं। कहा जाता है कि यहां पर शनिदेव की पूजा के लिए सभी भक्तों को शरीर को केसरिया रंग की धोती पहनना जरूरी होता है। इसके साथ ही शनिदेव का अभिषेक गीले वस्त्रों में ही किया जाता है।
 


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