Shani transit January 2023 Makar rashi: मकर राशि के लिए आखिरी ढैय्या शुभ

punjabkesari.in Sunday, Jan 22, 2023 - 04:39 PM (IST)

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Shani transit January 2023 Makar rashi: शनि 17 जनवरी को कुंभ से मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। अब 30 मार्च 2025 तक ये कुंभ राशि में रहेंगे। 12 राशियों पर ये अपना शुभ-अशुभ प्रभाव डालेंगे। यहां बात करते हैं मकर राशि के जातको की तो उनके लिए सुनहरी दौर का आरंभ होने जा रहा है। मकर राशि के जातको के लिए शनि की आखिरी दैय्या यानी साढेसाती की आखिरी ढैया शुरु हो जाएगी। मकर राशि वालों के लिए ये अच्छी खबर है क्योंकि उन्होंने जो पहले 5 साल शनि की ढैया में व्यतीत किए हैं। वो थोड़े से स्ट्रेस लेवल को बढ़ाने वाले थे। हालांकि शनि आपकी कुंडली में लग्न के स्वामी होते हैं। ऐसे में शनि बहुत अधिक नुकसान नहीं करते। जब शनि बारहवें भाव से या चन्द्रमा के ऊपर से ट्रांजिट करते हैं तो व्यक्ति को मानसिक रुप से परेशान करते हैं। पिछले 5 साल में आपने यह स्थिती महसूस की होगी। 

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12वें भाव का शनि छठे को भी देखता है और धन स्थान को भी देखता है। स्वास्थ्य और धन की किसी न किसी रुप में हानि करता है। तो लग्न के ऊपर से जब शनि आता है तो आपको सुस्त कर देता है। वो आलस्य देता है। रिलेशनशिप और कारोबार में समस्याएं पैदा करता है। उसकी सातवीं दृष्टि उसके सप्तम हाउस में रहती है और 10 वीं दृष्टि कर्म स्थान पर रहती है। जिससे चीजें स्लो हो जाती हैं। शनि जैसे ही बाहर निकलता है, चन्द्रमा से आगे तो वो अच्छा करना शुरु कर देता है। जाता शनि बहुत अच्छा होता है, वो इसलिए क्योंकि पहले दो चरणों में शनि के जो दो नैगेटिव प्रभाव चल रहे थे, वो अब बंद हो जाएंगे। 

अब आप थोड़ा रिलिफ महसूस करना शुरु कर देंगे। जाता हुआ शनि कुछ न कुछ अच्छा भी करके जाता है तो यह जाता शनि सबसे पहले आपके चन्द्रमा के ऊपर से गुजर रहा था, जिस वजह से आप सुस्त हो रहे थे और आपका काम प्रभावित हो रहा था। इसकी दसवीं दृष्टि सीधा जाती है, आपके कर्म स्थान पर। ये भाव पिता, कारोबार, जॉब और फ्री लेंसिंग को संबोधित करता है। यह उससे संबंधित है। जो नतीजे आप चाहते हैं, वे मिल नहीं पाते। अपकी आज का काम कल पर छोड़ने की आदत पर विराम लगेगा। शनि का प्रभाव चन्द्रमा के ऊपर से खत्म हो जाएगा। जब लग्नेश शनि होता है तो मकर राशि वाले सुस्त हो जाते हैं। शनि अब आय स्थान को देखना शुरु करेंगे। 

शनि की अगली दृष्टि जाती है तीसरे स्थान पर ये करेज का भाव होता है। इसी भाव से सभी फैसले लिए जाते हैं। शनि की तीसरी दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ रही है। लाइफ में बहुत बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं। जब करेज के साथ फैसल लेने होते हैं लेकिन ले नहीं पा रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में सुधार होगा। शनि की सातवीं दृष्टि आपके पार्टनर के घर पर जा रही थी। पार्टनर आपका बिजनेस पार्टनर भी हो सकता है और लाइफ पार्टनर भी हो सकता है। इनके साथ जो भी मतभेद चल रहे थे, वे अब खत्म होंगे। शनि अपने आखिरी फेस में निश्चित तौर पर कुछ न कुछ देकर जाएंगे। शनि आपके धन स्थान के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। हालांकि शनि का दूसरा गोचर अच्छा नहीं होता, तीसरा अच्छा माना जाता है। 

पीछले 5 साल में जो चीजें चल रही थी, वो अब नहीं चलेंगी। तीसरी दृष्टि अब जाएगी चौथे भाव के ऊपर। चौथा भाव सुख स्थान है। मां की सेहत, प्रॉपर्टी, गाड़ी इसी भाव से देखी जाती है। इन चीजों को खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कोई न कोई समस्या पैदा हो सकती है। अब शनि की सातवीं दृष्टि अष्टम भाव पर जा रही है। यह भाव सिक्रेसी, रिसर्च, लंबी बीमरी और एक्सीडेंट का भाव होता है।  ड्राइविंग करते हुए सवधानी बरतें। मनी फ्लो में थोड़ी-बहुत समस्या हो सकती है। 

अगर आपकी कुंडली में शनि की दशा, अंतर्दशा या महादशा चल रही है तो उपाय करें। यदि आपकी कुंडली में दशा बुध, गुरु या सूर्य की चल रही है तो कोई उपाय न करें। सूर्य और शनि आपस में मित्र भाव नहीं रखते। बुध शनि के साथ मित्र भाव में हैं लेकिन छठा भााव है तो लग्न का उपाय नहीं करना चाहिए। यदि दशा चल रही है तो फिर उपाय करें। 

उपाय- साढ़ेसाती का उपाय कम से कम 7 शनिवार तक करना होता है। काली दाल और काले उड़द शनि मंदिर में अर्पित करें। शनि का दान हमेशा शाम के समय करना चाहिए।

नरेश कुमार
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Content Writer

Niyati Bhandari

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