सिख जगत ‘वीर बाल दिवस’ नहीं, ‘साहिबजादे शहीदी दिवस’ मनाए : धामी
punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 10:37 AM (IST)

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अमृतसर (दीपक): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिन्द्र सिंह धामी ने भारत सरकार की ओर से मनाए जा रहे ‘वीर बाल दिवस’ को रद्द करते हुए सिख इतिहास छुड़ाने वाली सरकारी चाल से संगत को सचेत रहने की अपील की है। धामी ने कहा कि भारत सरकार सिखों के इतिहास को खत्म करने की राह पर चल रही है। दुख की बात यह है कि दिल्ली कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका इसमें सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिख कौम की परंपराओं के विरुद्ध जाकर भारत सरकार की ओर से साहिबजादों के शहीदी दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाना धर्म इतिहास में सबसे बड़ी शहीदी पर बहुमूल्य विरासत को नष्ट करने की साजिश है।
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उन्होंने कहा कि अगर सरकार साहिबजादों को सचमुच श्रद्धा और सम्मान भेंट करना चाहती है तो उसको ‘साहिबजादे शहीदी दिवस’ के रूप में यह दिवस मनाने में क्या परेशानी है? उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ नाम कौम को न मंजूर होते हुए भी कालका केन्द्र सरकार का मोहरा बने हुए हैं। उन्होंने कालका को सवाल किया कि क्या उनकी यह हरकत श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश मानने से इंकार करना नहीं है?
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर सिख विद्वानों की कमेटी की ओर से वीर बाल दिवस की जगह पर साहिबजादे शहीदी दिवस नाम तय किया गया है और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सभ्याचारक मंत्रालय को शिरोमणि कमेटी की ओर से पत्र भी भेजा जा चुका है, पर फिर भी सरकार की ओर से नाम न बदलना और दिल्ली कमेटी प्रधान कालका की ओर से सरकारी समागमों का हिस्सा बनना कौम के लिए दुखदायी बात है। हरमीत सिंह कालका सिख इतिहास बिगाडऩे की सरकारी चाल में खुद शामिल होने के बारे में स्पष्ट करें। उन्होंने दिल्ली कमेटी के बाकी पदाधिकारियों और समूह मैंबरों को अपील की कि वे सिख विचारधारा कों खत्म न होने दें।