दशमी के साथ पड़ा सावन का दूसरा शनिवार, मिल सकती है यमदेवता की कृपा

punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2019 - 02:04 PM (IST)

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शास्त्रों में कहा गया है जो भक्त शिव शंकर को सच्चे मन से पूजता है, उसका उद्धार होना तो निश्चित है। बल्कि कहा जाता अंत काल में जातक भव सागर से पार हो जाता है। डमरूधारी शिव शंकर समस्त देवताओं से निराले हैं, ये दयालु जगत पिता सभी दीन-दुखियों को अपनी शरण में आसरा देते हैं। कहते हैं जो इनके पावन चरणों में आकर अपने आप को समर्पित कर देता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। यही कारण है कि जगत गुरु कहे जाने वाले भगवान शंकर की पूजा न केवल मनुष्य बल्कि सभी देवी-देवता भी इनकी करते हैं। सावन में इनकी पूजा से शिव भक्त इनसे मुक्ति का वरदान प्राप्त करते हैं और इन भक्तों में देवी-देवता भी शामिल होते हैं। शायद इसके कारण भी इस महीने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि देवता गण भी मिलकर शिव जो को रिझाने के लिए उनकी वंदना करते हैं। ये तो हुई सावन में शिव जी की महिमा की बात। लेकिन क्या आपको पता है सावन में भोले भंडारी के साथ-साथ कई और भी ऐसे देव हैं जिनकी श्रावण में पूजा करनी फलदायी होती है। तो आइए आपको बताते हैं इस महीने में की जाने वाली शनि देव की आराधना से जुड़ी खास बातें-
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कहा जाता है सावन में आम तौर पर हर तरह की ऊर्जा की कमी होती है। इसलिए इस दौरान कई बार आम आदमी को स्वास्थ्य और धन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार सावन के प्रत्येक शनिवार को उपासना करने से व्यक्ति को अपार धन और संपत्ति दे सकता है। जिस कारण सावन के हर शनिवार को संपत शनिवार भी कहते हैं। कहा जा रहा है इस बार शनिवार के दिन दशमी भी है जिस कारण इस दिन यमदेवता की कृपा भी मिले सकती है।

सावन के शनिवार रखें इन बातों का ख्याल-
सावन के हर शनिवार को शनिदेव के साथ-साथ शिव जी की उपासना ज़रूर करें। अगर हो सके तो शनिवार का पूरा दिन व्रत करें। अगर संभव न हो तो इस दिन कम से कम एक वेला का उपवास ज़रूर रखें। इसके अलावा हो सके तो काले रंग का प्रयोग न करें, उसके स्थान पर नीला रंग का इस्तेमाल करें, शुभ होगा।
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होती है अपार लाभ की प्राप्ति-
सायंकाल स्नान करें, नीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करें। सूर्यास्त के बाद पीपल के पास सरसों के तेल का दीपक,तिल,और जल का पात्र लेकर जाएं।

सबसे पहले जल में तिल डालकर पीपल की जड़ में डालें, इसके बाद सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं और वृक्ष की परिक्रमा करें।

विभिन्न मनोकामनाओं के लिए करें निम्न मंत्रों का जाप-
धन संपत्ति की प्राप्त के लिए-
"ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये , शंयोरभिस्रवन्तु नः"

साढ़े साती और ढैया से मुक्ति के लिए-
"ॐ प्रां प्रीं प्रौ सः शनैश्चराय नमः"

अच्छी नौकरी पाने के लिए-
"ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं शनैश्चराय नमः "
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शनि की कृपा पाने के लिए-
"ॐ शं शनैश्चराय नमः"


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Jyoti

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