श्रावण के पहले सोमवार मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता
Tuesday, Jul 19, 2022 - 10:27 AM (IST)
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हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजे शिवालय
नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स) : श्रावण मास के पहले सोमवार को सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों का तांता लगा रहा। खासकर दिल्ली के प्रसिद्ध शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। हर-हर महादेव के जयघोष से सभी शिवालय गूंजायमान हो उठे थे। वहीं मंदिरों के बाहर ही श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छोटी-छोटी दुकानें सजाकर गंगाजल, शहद, दुध, भांग, धतूरा, बेलपत्र, मदार व फूलमाला लोग बेच रहे थे।
मालूम हो कि साल 2020 व 2021 में कोविड प्रोटोकोल के तहत श्रद्धालुओं को मंदिरों में जलाभिषेक की इजाजत नहीं दी गई थी। हालांकि कॉलोनियों में बने छोटे-बड़े मंदिरों में लोगों ने जलाभिषेक तो किया लेकिन कांवड पर प्रतिबंध होने से शिवभक्तों में काफी निराशा थी। लेकिन इस बार जैसे ही मंदिरों के कपाट खुले तो शिवभक्तों ने मंदिरों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगा दी। दिल्ली में सबसे ज्यादा भीड़ चांदनी चौक के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर में देखने को मिली। जहां सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालु लाईन में लगे हुए दिखाई दिए।
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भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजन के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए थे। वहीं झंडेवाला मंदिर में भी नए बनाए गए शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही भक्तगण प्रतीक्षारत दिखाई दिए। मंदिर के प्रचार-प्रसार प्रमुख नंदकिशोर सेठी ने बताया कि झंडेवाला मंदिर में सावन के पहले और पांचवे सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने वालों की भारी भीड़ रहती है।
सोमवार को भगवान शंकर का रूद्राभिषेक गुफा वाले प्राचीन शिवालय में किया गया लेकिन जल चढ़ाने आने वाले भक्तों के लिए नए शिवालय में जल चढ़ाने की व्यवस्था की गई थी। वहीं छतरपुर के शिव-नागेश्वर मंदिर में भी जलाभिषेक करने से पहले भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर श्रृंगार किया गया। पुष्पों व रूद्राक्ष से भगवान भोलेनाथ को सजाया गया था। जिसके बाद शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया।
शिव-पार्वती का गठजोड़ किया व्रतधारियों ने
श्रावण मास के सोमवार को व्रतधारी महिलाओं ने शिव-पार्वती का गठजोड़ कलावा बांधकर किया। मान्यता है कि व्रत रखकर शिवलिंग से मां पार्वती की मूर्ति का गठजोड़ कच्चे सूत यानि कलावा से करके विधिपूर्वक पूजन करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और घर में सदैव सुख-शांति व समृद्धि का वास होता है।