सृष्टि का आरंभ शिव, सृष्टि का अंत शिव

punjabkesari.in Sunday, Jul 26, 2020 - 06:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव से जुड़े खई तथ्य आदि दिए हैं, जिनके माध्यम से भगवान शंकर के बारे में जानने का मौका मिलता है। मगर वहीं न, आज कल किसी के पास इतना समय नहीं है संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया जा सके। किंतु अगर देखा जाए तो आज के समय में ये काम इतना भी मुश्किल नहीं है। क्योंकि आज कल इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है जिससे हर तरह की  जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जी हां, धार्मिक शास्त्रों के बारे में भी इसके माध्यम से जाना जा सकता है। और आपको बता दें इसके लिए आपको कहीं दूर जाने की ज़रूरत नहीं है बल्कि आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से काफी कुछ जान सकते हैं। तो क्योंकि ये मास भगवान शंकर को समर्पित है, इसलिए हम आपको बताएंगे शिव जी से जुड़े तथ्य-
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर ने हर युग में भक्तों के दर्शन दिए हैं। तो वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सतयुग में समुद्र मंथन के समय भी शिव थे जिन्होंने समस्त सृष्टी के कल्याण हेतु विषपान किया था। तो वहीं कुछ किंवदंतियों की मानें तो त्रेता युग में भी राम के समय शिव थे। इसके अलावा द्वापर युग में महाभारत काल में भी भगवान शिव साक्षात थे। 
भविष्य पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि मरुभूमि पर राजा हर्षवर्धन को भगवान शिव ने दर्शन दिए थे, इसके साथ ही कलिकाल में विक्रमादित्य के काल में भी शिव के दर्शन होने का भी जिक्र मिलता है।

न केवल देवताओं बल्कि भगवान शिव असुर, दानव, राक्षस, गंधर्व, यक्ष, आदिवासी और सभी वनवासियों के भी आराध्य देव हैं। यही कारण है कि शिव जी की पशुपति नाथ के नाम से जाना जाता है।
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जब चंद्रवंश की शुरुआत हुई थी, कहा जाता इसके आरंभ का मुख्य कारण भगवान शिव ही थे तथा सूर्यवंशी, खुद मनु थे। यही कारण है कि चंद्रवंशी, सूर्यवंशी अग्निवंशी और नागवंशी आदि सभी को भी शिव की ही परंपरा का ही माना जाता है।

धार्मिक मान्यताएं हैं कि शैव धर्म शिव से संबंधित भारत के आदिवासियों का भी धर्म है। सभी दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर समस्त शैव धर्म के ही संप्रदाय हैं, जिस कारण इन सभी के देवता भगवान शिव हैं। इन सभी के अतिरिक्त कहा ये भी जाता है कि भगवान बुद्ध शिव जी ही का अवतार थे।
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Jyoti

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