Sawan 2020: इन मंत्रों का जप करने से करुणामयी शिव शंकर बरसाएंगे अपनी करुणा
punjabkesari.in Wednesday, Jul 15, 2020 - 10:48 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रावण का पूरा माह भगवान शिव को समर्पित है, कहा जाता है इस महीने में इनकी पूजा बहुत ही लाभदायक मानी जाती है। धार्मिक कथाओं की मानें तो इस पावन मास में भगवान शिव धरती पर आ जाते हैं, और अपने भक्तों पर अपनी करुणा बरसाते हैं और उनकी सारी समस्याओं का समाधान करते हैं। मान्यता है सोमवार को इनकी पूजा अधिक लाभदायक माना जाता है। परंतु बात आगर शिव जी को समर्पित मास श्रावण की हो तो इसका हर दिन इनकी पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना जाता है। कहने का अर्थ है जो व्यक्ति अपनी पूजा को साकार करना चाहता हो, उसे श्रावण माह में अंतर्यामी शिव शंकर की पूजा करना चाहिए। पंरतु यदि आप विधि वत इनकी आराधना करना न जानते हो तो आप इनके कुछ खास मंत्रों का जाप करके भी इन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से हैं वो चमत्कारी मंत्र, लेेकिन इनका उच्चारण करने से पहले एक बात ध्यान में रख लें कि अगर आप ने घर में शिवलिंग स्थापित किया हुआ है तो रोज़ाना शिवलिंग का अभिेषेक करें। ज्योतिष विशेषज्ञ का मानना है ऐसा न करने पर भोलेनाथ रूष्ट हो जाते हैं, जिससे घर तथा कुंडली में दोष पैदा हो जाते हैं।
किसी भी तरह की इच्छा पूर्ति के लिए निम्न मंत्र का जप करें-
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
पंचामृत से शिवलिंग का शिव जी का अभिषेक करते हुए इस मंत्र का उच्चारण होता है लाभदायक-
स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः,
स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदाः,
स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।।
धार्मिक शास्त्रों के साथ-साथ वास्तु में भी बताया गया है कि शिवलिंग से हर वक्त सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिस बरकरार रखने के लिए शिवलिंग पर जलधारा का प्रवाह हमेशा बने रहना चाहिए। इसलिए बार-बार ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने घर में शिवलिंग स्थापित करता है उसे इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए, कि वहां शिवलिंग पर पढ़न वाली जलधारा की व्यवस्था हों।