उत्तराखंड में एक नहीं स्थापित हैं सप्त बद्री, क्या आप भी अभी तक है इससे अंजान?

punjabkesari.in Wednesday, May 19, 2021 - 04:18 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना के चलते पिछले साल की तरह ही इस साल भी इसकी दूसरी लहर के कारण इस बार भी चार धाम के साथ-साथ अन्य कई धार्मिक यात्राओं पर रोक लगा दी गई है। हालांकि इन धार्मिक स्थलों के ट्रस्ट द्वारा ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था की जा रही है। जिसके माध्यम से लोग घर बैठे दर्शन कर पाने में सक्षम होंगे। बता दें उत्तराखंड के चार प्रमुख धाम हैं, जिनमें से एक है बद्रीनाथ। आप में से बहुत से लोग इसके बारे में जानते होंगे कि ये कहां स्थित है। बल्कि लगभग लोग यही जानते हैं कि देश में केवल एक बद्रीनाथ है। परंतु आपको बता दूं असल में कुल 7 बद्री हैं। जी हां, जिस पंच कैलाश, पंच केदार आदि हैं वैसे ही सप्ती बद्री का भी धार्मिक शास्त्रों में वर्णन पढ़ने को मिलता है। 

बता दें ये 7 बद्री उत्तराखंड के चमोली में स्थित है जहां श्री हरि भगवान नारायण यानि विष्णु जी विराजमान हैं। 

सबसे पहले आपको बताते हैं श्री बद्रीनाथ के बारे में। सप्त बद्री नाथ में से इसे ही सबसे मुख्य माना जाता है। बता दें ये उत्तराखंड के चमोली में बद्रिकावन बद्रिकाश्रम में केदारनाथ के पास स्‍थित है। इसे बड़ा व छोटा चार धाम में से एक तीर्थ क्षेत्र माना जाता है।

दूसरा है श्री आदि बद्री, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे प्राचीन स्थानों में से एक माना जाता है। ये उत्तराखंड के चमोली के कर्ण प्रयाग में स्थित है।  यहां भी श्री हरि विराजमान हैं। 

श्री वृद्ध बद्री चमोली के जोशीमठ के पास अनिमठ में स्थित है।

श्री भविष्य बद्री के बारे में कहा जाता है कि भविष्य में जब केदारनाथ और बद्रीनाथ लुप्त हो जाएंगे तब भी केवल यही स्थान तीर्थ क्षेत्र होगा। बता दें यह स्थान भी चमोली के जोशीमठ के पास सुभैन तपोवन में स्थित है।

श्री योगध्यान बद्री नामक धाम चमोली के पांडुकेश्वर में स्थित है।

श्री ध्यान बद्री चमोली में उर्गम घाटी (कल्पेश्वर के समीप) स्थित है।

श्री नृसिंह बद्री चमोली में जोशीमठ के पास स्थित है।


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Jyoti

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