साल 2019 की अंतिम एकादशी पर इन बातों का रखें खास ध्यान

punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2019 - 10:11 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 22 दिसंबर को साल 2019 की आख़िरी एकादशी मनाई जाएगी। हिंदू धर्म या सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अधिक महत्व है। शास्त्रों में साल में पड़ने वाली प्रत्येक एकादशी को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि ये श्री हरि विष्णु को समर्पित है। यही कारण है इस दिन भगवान विष्णु जी का विधिवत पूजन किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है जो जातक इस दिन वर्त करता है उसके लिए मोक्ष का मार्ग सरल हो जाता है। जो व्यक्ति नियमपूर्वक एकादशी का व्रत करता है और रात्रि जागरण करके विष्णु भगवान का ध्यान कीर्तन करता है उसे पुण्य प्राप्त होता है। परंतु आज भी कुछ लोग एकादशी से जुड़े नियम आदि से रूबरू नहीं है। अगर आपके मन में एकादशी व्रत को लेकर प्रश्न है कि इस दिन क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए तो आगे दी गई जानकारी ज़रूर पढ़ें।
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सफला एकादशी पर न करें ये काम
शास्त्रों में सभी 24 एकादशियों के दौरान चावल खाना वर्जित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें।

एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।

इस दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए यानि इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।

अगर आप एकादशी का लाभ पाना चाहते हैं तो इस दिन किसी को कठोर शब्दों का उपयोग बिल्कुल न करें तथा लड़ाई-झगड़ा से बचना चाहिए।

इस दिन सुबह प्रातः उठ जाना चाहिए। तथा शाम के समय सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।
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सफला एकादशी के दिन करें ये काम
इस दिन दान अवश्य करें, संभव हो तो गंगा स्नान करें, शीघ्र विवाह के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करें।
मान्यता है एकादशी का व्रत रखने से धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख, पारिवारिक सुख,और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। इतना ही स व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को स्वर्ग में जगह मिलती है।


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Jyoti

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