Sanatan Padyatra 2025: धर्म और राष्ट्र के पुनर्जागरण का महत्वपूर्ण अध्याय लिख रही है सनातन एकता पदयात्रा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 06:38 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bageshwar Dham Sanatan Ekta Padyatra 2025: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 7 नवंबर 2025 से ऐतिहासिक ‘सनातन एकता पदयात्रा’ का शुभारंभ किया है। यह 10 दिवसीय यात्रा 16 नवंबर 2025 तक चलेगी और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होते हुए वृंदावन में श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के साथ संपन्न होगी।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है समस्त सनातनियों में एकता स्थापित करना, जाति-पाति और ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करना, और समाज में एक सनातन-एक भारत का भाव जागृत करना। पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि यह पदयात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का एक महायज्ञ है।
The route and main stops of the pilgrimage पदयात्रा का रूट और प्रमुख पड़ाव
पदयात्रा की शुरुआत छतरपुर मंदिर (दिल्ली) से हुई और यह क्रमशः फरीदाबाद, सीकरी, पलवल, मीतरोल, होडल, कोसी कलां, मथुरा होते हुए वृंदावन पहुंचेगी।
7 नवम्बर: छतरपुर मंदिर से आरंभ, जीरखोद मंदिर में रात्रि विश्राम
8–15 नवम्बर: फरीदाबाद, पलवल, होडल, कोसी मंडी जैसे प्रमुख पड़ावों पर रात्रि विश्राम
16 नवम्बर: यात्रा का समापन चारधाम छटीकरा, तत्पश्चात श्री बांके बिहारी जी दर्शन, वृंदावन
हर पड़ाव पर भोजन, भजन, कथा और सत्संग का आयोजन किया गया है ताकि यात्रियों को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूति हो।

How can you join the Sanatan Ekta Padayatra 2025 कैसे जुड़ सकते हैं सनातन एकता पदयात्रा 2025 के साथ
इस यात्रा में भाग लेने के लिए भक्तजन ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
Sanatan Unity Padayatra 2025: Information and Updates सनातन एकता पदयात्रा 2025 जानकारी और अपडेट्स
बागेश्वर धाम के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नियमित रूप से साझा किए जा रहे हैं।
Sanatan Unity Padayatra 2025 Closing Remarks सनातन एकता पदयात्रा 2025 समापन विचार
पं. धीरेंद्र शास्त्री की यह यात्रा आज के समय में सनातन धर्म की आत्मा को पुनः जाग्रत करने का प्रयास है। उनका संदेश है,
“जब तक हम एक नहीं होंगे, तब तक सनातन की रक्षा अधूरी रहेगी।”
यह पदयात्रा न केवल एक धार्मिक आंदोलन है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और सनातन चेतना का जीवंत प्रतीक बन गई है। सनातन एकता पदयात्रा 2025 आने वाले वर्षों के लिए धर्म और राष्ट्र के पुनर्जागरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय लिख रही है।

