निः संतान दंपत्ति करें इन मंत्रों का जप, मिलेगी मनचाही संतान

punjabkesari.in Wednesday, Jun 23, 2021 - 04:29 PM (IST)

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सनातन धर्म के ग्रंथों की मानें तो मंत्र वह ध्वनि है जो अक्षरों एवं शब्दों के समूह से बनती है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह संपूर्ण ब्रह्माण्ड एक तरंगात्मक ऊर्जा से व्याप्त है जिसके दो प्रकार हैं- नाद (शब्द) एवं प्रकाश। आध्यात्मिक धरातल पर इनमें से शब्द कोई भी एक प्रकार की ऊर्जा दूसरे के बिना सक्रिय नहीं होती। मंत्र मात्र वह ध्वनियां नहीं हैं जिन्हें हम कानों से सुनते हैं, यह ध्वनियां तो मंत्रों का लौकिक स्वरुप भर हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिए जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मानव जीवन की इच्छाओं की पूर्ति न केवल उपाय बताए गए हैं बल्कि कई मंत्र आदि भी बताए गए हैं, जिन्हें जपने से जातक की विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ति होती है। आज हम आपको बताने वाले हैं ऐसे ही कुछ मंत्रों के बारे में जिनका उच्चारण करने से अनेक प्रकार की इच्छाएं पूरी होती हैं। 

संतान के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें-
मंत्र- सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। 
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच।।

अगर कोई गुरु ना हो तो जपें ये मंत्र :-
मंत्र- वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। 
देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरूम्।।

नि:संतान दंपत्ति के लिए मंत्र :-
मंत्र- देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। 
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

कुंआरी कन्या जपें ये मंत्र :-
मंत्र- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। 
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।।

ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथों में इन मंत्रों का काफी उल्लेख किया गया है, प्राचीन समय में इन मंत्रों के प्रभाव से त्रेता युग व द्वापर युग में लोगो ने शुभ परिणाम पाए थे। 

 


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Content Writer

Jyoti

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