Sadhguru Motivational Quotes: विचारों से ऊपर उठना क्यों है जरूरी ? सद्गुरु समझाते हैं असली स्वतंत्रता का मार्ग

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 01:54 PM (IST)

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Sadhguru Teachings: सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आधुनिक युग के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं। उनके उपदेशों का मूल केंद्र मानव चेतना को उसकी वर्तमान सीमाओं से ऊपर उठाना है। वह हमें यह समझाते हैं कि जिस चीज को हम  मैं मानते हैं यानी हमारे विचार, भावनाएं और स्मृतियां—वे वास्तव में हमारी असली पहचान नहीं हैं, बल्कि एक तरह की कैद हैं। आइए, सद्गुरु के प्रेरणादायक विचारों और उद्धरणों के माध्यम से समझते हैं कि विचारों से ऊपर उठना क्यों आवश्यक है और यही असली स्वतंत्रता का मार्ग कैसे है।

 Sadhguru Motivational Quotes

क्यों जरूरी है उनसे ऊपर उठना ?
सद्गुरु के अनुसार, हमारा मन एक सूचनाओं का गोदाम मात्र है। यह निरंतर अतीत से मिली जानकारी को संसाधित करता रहता है। हमारी अधिकांश पीड़ा और बंधन का कारण हमारे यही विचार हैं, जो हमें वास्तविकता से दूर ले जाते हैं।

सद्गुरु के प्रेरणादायक उद्धरण:
आपके विचार आपके नहीं हैं। वे बस उन सूचनाओं का मिश्रण हैं जो आपने जीवन भर इकट्ठी की हैं। अगर आप उनसे ऊपर उठते हैं, तो आप जीवन को जैसा है, वैसा ही देख पाएंगे।

मनुष्य अक्सर अपने विचारों और भावनाओं को ही अपनी नियति मान लेता है। सद्गुरु कहते हैं कि जब तक आप अपने मन की उपज से खुद को अलग नहीं कर लेते, तब तक आप एक जबरन प्रतिक्रियाशील प्राणी बने रहेंगे, न कि एक सचेत निर्माता।

आप अपनी खुद की खुशियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, क्योंकि आप अपने विचारों के दलदल में फंस गए हैं। विचारों की दीवार के पार देखें।

असली समस्या यह नहीं है कि आपके पास नकारात्मक विचार हैं, बल्कि यह है कि आप हर विचार को 'सत्य' मान लेते हैं। यह विचारों की निरंतर धारा हमें वर्तमान पल की सुंदरता और शक्ति से काट देती है।

 Sadhguru Motivational Quotes

 जागरूकता ही स्वतंत्रता का पहला कदम
सद्गुरु लगातार जागरूकता या  सचेतनता पर जोर देते हैं। वह बताते हैं कि विचारों से लड़ना या उन्हें दबाना समाधान नहीं है; समाधान तो केवल उन्हें एक साक्षी के रूप में देखना है।

सद्गुरु के प्रेरणादायक उद्धरण:
स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि आपको वह मिले जो आप चाहते हैं। स्वतंत्रता का अर्थ है कि आप जो चाहते हैं, उसे बनाने की क्षमता आपके भीतर हो।

आपके विचारों को नियंत्रित करने की कोशिश करने से वे और मजबूत होते हैं। इसके बजाय, सद्गुरु हमें साक्षी भाव अपनाने की सलाह देते हैं। जब आप केवल अपने विचारों को आते-जाते देखते हैं, बिना उनमें उलझे, तो विचारों की शक्ति स्वतः ही कम हो जाती है।

जब आप मन की क्रियाओं को देखना शुरू करते हैं, तो आप मन से मुक्त हो जाते हैं। और यही जीवन की सबसे बड़ी मुक्ति है।

यह साक्षी भाव ही असली अंतर पैदा करता है- आपके और आपके विचारों के बीच। एक बार जब यह अंतर पैदा हो जाता है, तो आप अपने विचारों को चुन सकते हैं, या उन्हें पूरी तरह से छोड़ सकते हैं।

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Content Editor

Prachi Sharma

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