Roop Chaudas Puja Vidhi: इस विधि से करें रूप चौदस की पूजा, स्वास्थ्य और सौंदर्य की खोज पर लगेगा विराम
punjabkesari.in Monday, Oct 20, 2025 - 04:33 AM (IST)
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Roop Chaudas Puja Vidhi 2025: पुराणों के अनुसार, रूप चौदस के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर पृथ्वी को भय और अंधकार से मुक्त किया था। इस दिन स्नान, दीपदान और हनुमान पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि को रूप चौदस इसलिए कहा गया क्योंकि भगवान कृष्ण ने इस दिन स्नान, सुगंध और चंदन से अपने शरीर का अभिषेक किया और नया तेज प्राप्त किया।

Worship of Lord Hanuman and Lord Krishna on Roop Chaudas रूप चौदस पर हनुमान जी और भगवान कृष्ण की पूजा
रूप चौदस पर हनुमान जी की आराधना करने से शरीर में ओज, बल और सौंदर्य बना रहता है। भगवान कृष्ण की पूजा करने से आंतरिक आकर्षण, सौम्यता और मनोबल में वृद्धि होती है।

Roop Chaudas Puja Vidhi 2025 रूप चौदस पूजा विधि
प्रातःकाल तिल के तेल से शरीर पर मालिश कर स्नान करें। इसे अभ्यंग स्नान कहा गया है।
स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएं।
उस पर हनुमान जी और भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को हलवे का भोग लगाएं।
संध्या के समय यमराज के नाम का दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर जलाएं। परिवार सहित दीप जलाकर भगवान कृष्ण और हनुमान जी की आरती करें। यह माना जाता है कि ऐसा करने से सौंदर्य, तेज, स्वास्थ्य और अकाल मृत्यु से रक्षा प्राप्त होती है।

रूप चौदस का आध्यात्मिक संदेश
रूप चौदस केवल बाहरी सौंदर्य का नहीं, बल्कि आत्मिक रूप की पवित्रता का भी प्रतीक है।
शास्त्र कहते हैं – “अभ्यंग स्नानं नरकनाशनं।”
अर्थात- इस दिन स्नान, दीपदान और पूजा से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में प्रकाश का आगमन होता है।

