Kundli Tv- लक्ष्मी और अलक्ष्मी क्यों हैं एक दूसरे से अलग ?

punjabkesari.in Friday, Dec 14, 2018 - 02:04 PM (IST)

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अलक्ष्मी दरिद्रता की अधिष्ठात्री देवी हैं। अलक्ष्मी विष्णु-पत्नी लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं जो 'अधर्म' की पत्नी हैं। अलक्ष्मी अर्थात दरिद्रता का निवास इन स्थानों पर होता है- गृहक्लेश, झूठ बोलने वाले व्यक्ति, संध्या के समय सोने वाले व्यक्ति, जहां देवों का पूजन न होता हो, अतिथियों का सत्कार न होता हो, पितरों का श्राद्ध न किया जाता हो, जुआ खेला जाता हो, स्त्री-पुरुष चरित्रहीन हों और सैदेव पाप कर्म किए जाते हो।
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देवी लक्ष्मी और अलक्ष्मी दोनों आपस में बहने हैं। समुद्र मंथन के समय ही दोनों प्रकट हुई थी। वैष्णव साहित्य में जहर को अलक्ष्मी से जोड़ा गया है जो दुर्भाग्य और दरिद्रता की देवी हैं और लक्ष्मी की जुड़वां बहन हैं। लक्ष्मी धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि देती हैं, जिसकी चाह हर मनुष्य रखता है परंतु अलक्ष्मी दुर्भाग्य, चरित्रहीनता, दुख और दरिद्रता देती हैं, जिससे हर व्यक्ति कोसों दूर रहना पसंद करता है।
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कभी-कभी जीवन में ऐसे हालात बन जाते हैं की व्यक्ति को दुर्भाग्यवश अलक्ष्मी के साथ रहना पड़ता है और उससे उसकी किस्मत रूठ जाती है। व्यक्ति का ऐश्वर्य, मान-सम्मान, यश और संपन्नता समाप्त हो जाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो व्यक्ति से लक्ष्मी रूठ जाती है क्योंकि उनके ऊपर उनकी बहन अलक्ष्मी हावी हो जाती हैं।
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लक्ष्मी हर किसी को जीवन में मीठा एहसास करवाती हैं इसलिए इनका संबंध मिष्ठान से है और उनकी बहन अलक्ष्मी का संबंध खट्टे और कड़वे पदार्थों से है। शुभ मौकों पर घर में मिठाई लाकर मुंह मीठा किया जाता है और उसे घर के अंदर सहज कर रखा जाता है। जबकि घर से बुरी नजर और दरिद्रता को दूर करने के लिए घर के बाहर नींबू और तीखी हरी मिर्ची घर के बाहर टांगी जाती है। लक्ष्मी मिठाई खाने के लिए घर के भीतर प्रवेश करती हैं जबकि अलक्ष्मी मुख्यद्वार से ही नींबू और मिर्ची खा लेती हैं तृप्त और आनंदित होकर लौट जाती हैं।
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Niyati Bhandari

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