Religious Context: ये है जिंदगी में सफल होने का आसान सा फंडा

punjabkesari.in Friday, Jul 07, 2023 - 09:02 AM (IST)

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Religious Katha: स्वामी श्रद्धानंद के शिष्य थे स्वामी सदानंद। जब वह शिक्षा हासिल कर चुके तो उनके व्यवहार में अहंकार आ गया। वह हर किसी को अपने से कमतर देखने लगे। इस व्यवहार के कारण उनके काफी मित्र उनसे दूर होते चले गए।

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यह बात जब स्वामी श्रद्धानंद जी तक पहुंची तो उन्हें लगा कि सदानंद के साथी ऐसा हास्य में कह रहे होंगे। लेकिन एक दिन स्वामी श्रद्धानंद जी उनके सामने से गुजरे तो सदानंद ने उन्हें भी अनदेखा कर दिया और उनका अभिवादन तक नहीं किया। स्वामी श्रद्धानंद जी समझ गए कि सदानंद को अहंकार ने पूरी तरह जकड़ लिया है और इनका अहंकार तोड़ना आवश्यक हो गया है, नहीं तो भविष्य में इन्हें बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं। उन्होंने उसी समय सदानंद को अगले दिन अपने साथ घूमने चलने का आग्रह किया।

अगली सुबह जब स्वामी श्रद्धानंद और सदानंद वन में एक झरने के पास गए और पूछा, जरा बताओ तुम सामने क्या देख रहे हो?

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सदानंद ने जवाब दिया, गुरु जी पानी जोरों से नीचे बह रहा है और गिरकर फिर दोगुने वेग से ऊंचा उठ रहा है।

स्वामी जी ने कहा, ‘‘देखो सदानंद, जीवन में अगर ऊंचा उठकर आसमान छूना चाहते हो तो थोड़ा इस पानी की तरह झुकना भी सीख लेना चाहिए। यदि हम झुकते हैं तभी दुनिया को झुका सकते हैं। यह सुनते ही सदानंद को अपने गलती का अहसास हो गया।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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