Raksha bandhan Story: भाई बहन से नहीं बल्कि पिता पुत्र से आरंभ हुआ रक्षा बंधन का त्यौहार

punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 07:56 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Raksha Bandhan Katha Kahani: ये बात कम ही लोगों को मालुम होगी की सबसे पहले रक्षा सूत्र ब्रह्मा जी ने अपने मानस पुत्र महार्षि भृगु जी को बांधा था। इस पूरे ब्रह्मांड में रक्षा सूत्र को बांधने का प्रचलन कहां से आरम्भ हुआ, इसके बारे में जानने के लिए पढ़ें प्राचीन कथा। कहानी इस प्रकार से है-

PunjabKesari Raksha bandhan Story

नारायण की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण करने के लिए मन से चार पुत्रों को उत्पन्न किया। जिनक नाम था सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार। जिन्हें सनक सनकादि के नाम से भी जाना जाता है। ब्रह्मा जी ने उन्हें आज्ञा दी कि सृष्टि का विस्तार करो तो उन्होंने आत्मबल से देखा कि सृष्टि में तो दुख ही दुख हैं और वह सिर्फ भक्ति करना चाहते हैं। उन्होंने ब्रह्मा जी की आज्ञा का पालन न कर भक्ति मार्ग पर चले गए।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

फिर ब्रह्मा जी ने अपने तपोबल से एक पुत्र और उत्पन्न किया, जिनका नाम था भृगु। भृगु जी ने पूछा, " पिता श्री ! मुझे क्यों उत्पन्न किया गया ?"

तब ब्रह्मा जी को उन चारों मुनियों का व्यवहार याद था और कहा कि कारण बताने से पहले आप वचन दो कि जो मैं आज्ञा दूंगा उसे आप पूरा करेंगे। भृगु जी ने वचन दे दिया परन्तु फिर भी ब्रह्मा जी का मन नहीं टिका तो उन्होंने कहा कि पहले मैं आपको रक्षा सूत्र बांधता हूं और फिर आप मुझे रक्षा सूत्र बांधकर वचन दें, तब महार्षि भृगु जी ने ऐसा ही किया।

PunjabKesari Raksha bandhan Story

इस प्रकार से ब्रह्मांड में सर्वप्रथम रक्षा बंधन महार्षि भृगु व ब्रह्मा जी से ही आरम्भ हुआ। जिसे बाद में समय-समय पर बहुत से देवता व दानवों ने आग्र प्रसारित किया है।

PunjabKesari Raksha bandhan Story

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News