सफल और महान लीडर में होते हैं ये गुण, प्रोफैशनल और पारिवारिक जीवन होता है ऐसा

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2018 - 12:09 PM (IST)

सफलता के मायने यह भी हैं कि हम किस तरह की सहजता महसूस करते हैं। सफलता एकांगी नहीं हो सकती, उसमें तो जीवन के सभी पक्ष शामिल हैं। सफलता को दो तरह से देखा जा सकता है, बाहरी और आंतरिक। बाहरी सफलता का अर्थ है कि आप अपना काम कितने अच्छे से करते हैं और उसकी वजह से आपको समाज में किस तरह की प्रतिष्ठा मिलती है, जबकि आंतरिक सफलता के मायने हैं कि किसी भी काम या इच्छा के पूरा होने पर आप उपलब्धि, संतुष्टि, पूर्णता और निश्चितता किस तरह महसूस करते हैं।


हम सभी के अपने अलग लक्ष्य होते हैं जो हमारी आकांक्षाओं और इच्छाओं के प्रतीक होते हैं। जब हम किसी एक इच्छा को पूरा करते हैं या किसी लक्ष्य को पाते हैं तो हम खुश और सफल महसूस करते हैं। फिर अगली इच्छा मन में पैदा होती है और हम फिर से असंतुष्ट होते हैं और फिर से काम करना शुरू करते हैं। कभी-कभार यह होता है कि हम किसी लक्ष्य तक पहुंचते हैं और जीवन में एक निराशा महसूस करते हैं और नहीं जानते कि अब क्या करना है।


मॉडर्न मैनेजमैंट महसूस करता है कि अगर कोई व्यक्ति संतुष्ट है तो उसमें आगे बढऩे की ललक नहीं रहती है और यह कंपनी के लिए नुक्सानदायक हो सकता है। यह संतुष्टि को देखने का बहुत ही नकारात्मक तरीका है। जब कोई व्यक्ति सकारात्मक रूप से संतुष्ट होता है तो वह अपनी प्रसन्नता और संतुष्टि को दूसरों के साथ बांटता है और दूसरों के भले के लिए भी काम करना चाहता है। महात्मा यही करते हैं। अक्सर वे अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बांटने के लिए संसार की यात्रा करते हैं और इससे उन्हें स्वयं भी प्रसन्नता अनुभव होती है और वे दूसरों की प्रसन्नता को भी बढ़ाते हैं।


कुछ प्रोफैशनल्स ऐसे होते हैं जो कार्यस्थल पर तो प्रशंसा पाते हैं लेकिन पारिवारिक जीवन में वे बुरी तरह असफल रहते हैं। कुछ लोग अपने परिवार के लिए तो सोचते हैं लेकिन वे समाज की भलाई के लिए कुछ नहीं सोचते। हमें एक संपूर्ण नागरिक बनने का प्रयास करना चाहिए, जैसी कि हमसे अपेक्षा की जाती है। असल सफलता तो वही है जो दूसरों को भी प्रसन्नता दे और पूरी टीम को उसमें शामिल माने। यह एक सफल और महान लीडर की निशानी होती है। 


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