Puja Ghar Niyam: मंदिर की साफ-सफाई से जुड़ी इन खास बातों का विशेष ध्यान रखें, तभी मिलेगा देवी-देवताओं का आशीर्वाद
punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 07:34 AM (IST)
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Mandir Niyam: कहते हैं कि जिस जगह पर भगवान विराजमान रहते हैं, वहां हमेशा साफ-सफाई रखनी चाहिए। न केवल बाहर के मंदिरों में बल्कि घर के मंदिर में भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि देवी-देवताओं को सफाई बहुत प्रिय होती है। लेकिन अक्सर लोग मंदिर की सफाई को लेकर कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे उनको जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है। अब सवाल ये उठता है कि मंदिर की सफाई कैसे करनी चाहिए और कब करनी चाहिए ? तो चलिए आज बताते हैं मंदिर की सफाई से जुड़े कुछ खास नियम-
वैसे तो घर में स्थित पूजा ग्रह या मंदिरों की सफाई हर रोज करनी चाहिए लेकिन अगर आपके पास रोजाना मंदिर की सफाई करने का इतना समय नहीं है, तो बता दें कि आप शनिवार के दिन ही मंदिर की अच्छे तरीके से साफ-सफाई कर लें। ज्योतिष शास्त्र में मंदिर की सफाई के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना गया है। कहते हैं इस दिन अगर मंदिर की साफ सफाई की जाए तो घर से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं शनिवार को मंदिर की पूजा करने के दौरान अगर आप पूरे घर में और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करते हैं, तो इससे घर शुद्ध होता है और सुख-समृद्धि आती है।
तो वही आपको बता दें कि जिस प्रकार शनिवार का दिन मंदिर की साफ-सफाई के लिए सबसे उत्तम माना गया है। ठीक उसी प्रकार कुछ ऐसे दिन भी है जिस दिन मंदिर की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आपको बता दें कि ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार और एकादशी के दिन मंदिर की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। इन दो दिनों पर मंदिर की सफाई करना ज्योतिष की दृष्टि से शुभ नहीं माना गया है। इतना ही नहीं मान्यता है कि रात के समय में भी मंदिर की सफाई गलती से भी नहीं करनी चाहिए।
आगे आपको बता दें कि पूजा के दौरान दीपक भी मुख्य रूप से जलाया जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि रोजाना पूजा से पहले दीपक की अच्छे से सफाई की जाए। जब आप पूजा घर की सफाई करें, तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि देवी-देवता की प्रतिमा या उनकी तस्वीर को सीधा जमीन पर या नीचे न रखें। मूर्ति रखने से पहले इनके नीचे साफ कपड़ा बिछाएं या इन्हें किसी ऊंचे स्थान पर रखें।
आखिरी में आपको बता दें कि सफाई करते समय सबसे पहले पूजा घर में गंगाजल का छिड़काव करें। ऐसा करने से मंदिर की शुद्धता के साथ ही साथ सकारात्मकता भी बनी रहती है।