Vastu Tips: घर में हल्दी से बनाएं स्वास्तिक, बुराइयों से मिलेगा सुरक्षा कवच
punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 09:51 AM (IST)

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Vastu Tips: भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। यह केवल एक पुरातन ज्ञान नहीं, बल्कि घर और जीवन में संतुलन, ऊर्जा और शांति बनाए रखने का विज्ञान है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं, रंगों, प्रतीकों और प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करके सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और नकारात्मकता को दूर करने की विधियां बताई गई हैं। इन्हीं में से एक शक्तिशाली उपाय है हल्दी से स्वास्तिक बनाना। स्वास्तिक एक प्राचीन और पवित्र प्रतीक है, जिसे सुख, समृद्धि, शांति और मंगल का प्रतीक माना जाता है। यह प्रतीक देवताओं की पूजा, धार्मिक अनुष्ठानों और वास्तु उपायों में सदियों से उपयोग होता आ रहा है। स्वास्तिक के चारों भुजाएं चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं और यह जीवन के संतुलन का प्रतीक भी है। जब हल्दी और स्वास्तिक को एक साथ मिलाकर घर में प्रयोग किया जाता है, तो यह एक अत्यंत प्रभावशाली वास्तु उपाय बन जाता है।
हल्दी से किस दिशा में बनाएं स्वास्तिक ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हल्दी से स्वास्तिक बनाना सबसे शुभ माना जाता है। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह की प्रमुख दिशा होती हैं और इन्हें देवी-देवताओं की दिशा भी कहा जाता है।
स्वास्तिक बनाते समय ध्यान रखें:
घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर या उसके ऊपर हल्दी से स्वास्तिक बनाना अत्यंत लाभकारी होता है।
इसे गुरुवार या किसी शुभ मुहूर्त में बनाएं।
स्वास्तिक बनाते समय मन में शुभ संकल्प या प्रार्थना रखें।
हल्दी से स्वास्तिक बनाने के फायदे
नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
हल्दी और स्वास्तिक दोनों ही शक्तिशाली प्रतीक होते हैं जो मिलकर घर से नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर और मानसिक अशांति को दूर करते हैं।
घर में सुख-समृद्धि आती है
यह उपाय लक्ष्मी कृपा को आकर्षित करता है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी इसे मुख्य द्वार पर बनाना शुभ माना जाता है।
वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
हल्दी का प्राकृतिक गुण वातावरण को शुद्ध करने का होता है। यह हवा में मौजूद हानिकारक तत्त्वों को भी कम करती है।
मानसिक शांति और एकाग्रता
घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से मानसिक तनाव, अशांति और ग़लत विचारों का प्रभाव कम होता है।
ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति
स्वास्तिक देवताओं का प्रतीक माना जाता है, और हल्दी पवित्रता का। दोनों मिलकर ईश्वर की कृपा को आमंत्रित करते हैं।