Parshuram Jayanti: आज भी जीवित हैं भगवान परशुराम, इस स्थान पर रहते हैं

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2020 - 06:24 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Parshuram Jayanti 2020: भगवान परशुराम जी इतने न्यायप्रिय थे कि उनके आगमन से ही समस्त प्रजा निर्भय हो जाती थी। वह सामाजिक समानता, मानव कल्याण के प्रबल पक्षधर थे। जब-जब आतताइयों ने तप के द्वारा प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल अधर्मपूर्वक किया, जिससे समस्त मानव जाति उनकी अनीतियों, अन्याय एवं अत्याचारों से दुखी हुई, तब-तब भगवान ने धर्मपूर्वक उन अधर्मियों का नाश किया तथा शाश्वत मानवीय धर्म की स्थापना की। इसलिए भगवान परशुराम जी ने सदैव यह प्रयास किया कि इस शस्त्र एवं शास्त्र के ज्ञान को सुपात्र को प्रदान किया जाए ताकि धर्म की अभिवृद्धि हो परन्तु जिस प्रकार विश्वासघात से कर्ण ने भगवान परशुराम जी से शिक्षा प्राप्त कर अधर्म के कार्य में दुर्योधन का साथ दिया, इससे इस तथ्य की पुष्टि हो जाती है कि शस्त्र एवं शास्त्र ज्ञान प्रदान करने के जो मापदंड परशुराम जी ने स्थापित किए, वे कितने प्रमाणिक थे।

PunjabKesari Parshuram Jayanti 2020

भगवान विष्णु द्वारा प्रदत्त शारंग धनुष महर्षि ऋचीक ने अपने पौत्र परशुराम जी को प्रदान किया। ब्रह्मर्षि कश्यप तथा महर्षि विश्वामित्र से शिक्षा प्राप्त कर भगवान परशुराम समस्त शस्त्र एवं शास्त्रों के ज्ञाता हुए। परशुराम जी सदैव अपने गुरुजनों तथा माता-पिता की आज्ञा का पालन करते थे। भगवान परशुराम जी ने पितृभक्ति के फलस्वरूप अष्ट-चिरंजीवियों में स्थान प्राप्त किया अर्थात वे आज भी जीवित हैं। इनके तपोबल एवं योग-बल से समस्त भू-मंडल तथा तीनों लोक परिचित थे।

PunjabKesari Parshuram Jayanti 2020

शस्त्र एवं शास्त्र ज्ञान का प्रयोग केवल मानव कल्याण के लिए ही हो, ऐसी व्यवस्था भगवान परशुराम जी ने की। अधर्म के प्रति सदैव क्रोध परायण रहने वाले भगवान परशुराम जी ने अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन कर सप्तद्वीप युक्त पृथ्वी महर्षि कश्यप को दान स्वरूप दी और उनके आदेशानुसार स्वयं महेन्द्र पर्वत पर चले गए और आज भी वहीं पर निवास करते हैं।

PunjabKesari Parshuram Jayanti 2020

एक समय भगवान परशुराम जी भगवान शिव के दर्शन हेतु कैलाश गए। वहां पार्वतीनंदन गणेश जी ने मार्ग में ही रोक लिया। दोनों में युद्ध हुआ जिससे भगवान गणेश जी का एक दांत टूट गया जिससे वे एकदंत कहलाए।

PunjabKesari Parshuram Jayanti 2020

भगवान परशुराम जी ने वैदिक सनातन संस्कृति रक्षार्थ हर युग में अपनी सार्थकता सिद्ध की। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को मिथिलापुरी पहुंच कर अपने संशय के निवारण उपरांत उन्हें वैष्णव धनुष प्रदान किया तथा उज्जैन में सांदीपनी ऋषि के आश्रम पधार कर वहां शिक्षा प्राप्त कर रहे साक्षात परब्रह्म श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र प्रदान किया।

कलियुग में होने वाले भगवान के दसवें कल्कि अवतार में भी भगवान कल्कि को भगवान परशुराम जी द्वारा ही शिक्षा प्रदान की जाएगी। परशुराम जी के निर्देशानुसार भगवान कल्कि भगवान शिव की तपस्या कर उनसे दिव्य अस्त्रों को प्राप्त करेंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Related News