Papankusha Ekadashi: पापांकुशा एकादशी के व्रत से कट जाते हैं जीवन के सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त और डेट

punjabkesari.in Tuesday, Oct 24, 2023 - 06:39 AM (IST)

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Papankusha Ekadashi: एकादशी का दिन श्री हरि को बहुत प्रिय है। इस दिन जगत के पालनहार अपने भंडार हमेशा खुले रखते हैं। जो कोई भी सच्चे मन से एकादशी का व्रत रखता है, उसका जीवन हमेशा खुशियों से भरपूर रहता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार पापांकुशा एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा करने और व्रत रखने से 100 सूर्य यज्ञ और 1 हजार अश्वमेध यज्ञ करने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। ये व्रत व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है और उनके जीवन से सभी पापों को काट देता है। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए जानते हैं कि कब रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत।

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Papankusha Ekadashi date पापांकुशा एकादशी तिथि 2023
पंचांग के मुताबिक आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि व्रत का आरंभ 24 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट से होगा और 25 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के आधार पर पापांकुशा एकादशी का व्रत 25 अक्टूबर को रखा जाएगा।

Papankusha Ekadashi fast is in 3 auspicious yogas 3 शुभ योग में है पापांकुशा एकादशी व्रत

एकादशी के दिन शुभ योग का मतलब सोने पर सुहागा होने के बराबर है। इस बार की पापांकुशा एकादशी के दिन  3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। रवि योग, वृद्धि योग और ध्रुव योग। बता दें कि रवि योग सुबह 6 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। वृद्धि योग सुबह से ही प्रारंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। वहीं ध्रुव योग सुबह से रात तक रहेगा।

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Papankusha Ekadashi Puja Muhurat पापांकुशा एकादशी पूजा मुहूर्त 2023
पापांकुशा एकादशी व्रत की पूजा सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। पूजा करने के लिए राहुकाल का त्याग करें। राहुकाल में एकादशी की पूजा करना अशुभ माना जाता है। उस दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक है।

Importance of Papankusha Ekadashi fast पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व
मान्यताओं के अनुसार पापांकुशा एकादशी के व्रत से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। अगर कोई अपने पाप का प्रायश्चित करना चाहता है, उसे पापांकुशा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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