Neem Karoli Baba: धन-दौलत में आ रही रुकावट तो नीम करोली बाबा के अनुसार इन बातों से बनाएं दूरी
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 10:50 AM (IST)
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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संतों में से एक थे। उनके भक्त, जिनमें मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स जैसे विश्व प्रसिद्ध उद्यमी भी शामिल हैं, उनकी शिक्षाओं में जीवन की हर समस्या, खासकर धन और समृद्धि से जुड़ी रुकावटों को दूर करने का अचूक मंत्र पाते हैं। बाबा ने धन कमाने की कला से ज़्यादा, उसे सही ढंग से धारण करने, उपयोग करने और बढ़ाने की कला पर ज़ोर दिया था। उनके अनुसार, यदि आपके जीवन में धन की आवक में बार-बार बाधा आ रही है, तो आपको अपनी जीवनशैली और स्वभाव की कुछ आदतों से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए।

फिजूलखर्ची और दिखावे पर धन बर्बाद करना
बाबा के अनुसार, जो लोग बाहरी दिखावे में आकर बिना किसी कारण के धन खर्च करते हैं, वे कभी अमीर नहीं बन पाते। यह आदत न केवल आपकी बचत को खत्म करती है, बल्कि आपके घर में दरिद्रता को भी आकर्षित करती है। धन की बचत करना बहुत ज़रूरी है ताकि बुरे वक्त में आपको किसी पर निर्भर न रहना पड़े। पैसा तभी टिकता है जब आप उसकी उपयोगिता समझते हैं। अपने पैसे का सही इस्तेमाल करना सीखें, न कि सिर्फ दूसरों को प्रभावित करने के लिए खर्च करें।
अहंकार
बाबा ने अहंकार को हर सफलता के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा बताया है और यह बात धन के मामले में भी उतनी ही सच है। अहंकार व्यक्ति को गलत राह पर ले जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास धन आता है और वह अहंकार से भर जाता है, तो वह लोगों का सम्मान करना छोड़ देता है, गलत निर्णय लेता है और अपने रिश्तों को कमजोर कर लेता है। धन का घमंड उस व्यक्ति को नए अवसरों से दूर कर देता है। हमेशा विनम्र रहें। विनम्रता न केवल सम्मान दिलाती है, बल्कि आपके लिए नए अवसरों के द्वार भी खोलती है। यदि आप अपने रिश्तों को मजबूत बनाए रखते हुए जीवन को सफल बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने अहंकार का त्याग करें।
धन को केवल जमा करना और सही उपयोग न जानना
बाबा का मत था कि धन केवल बचाने के लिए नहीं, बल्कि सही जगह उपयोग करने के लिए होता है। कुछ लोग सिर्फ धन जमा करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन उसे सही जगह खर्च करने का हुनर नहीं जानते। बाबा कहते थे कि तिजोरी में जमा धन ठहर जाता है और उसमें बरकत नहीं होती। अमीर वही बनता है जो पैसे का सही मूल्य और उपयोगिता जानता है। धन का इस्तेमाल केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों की मदद करने में भी करना चाहिए।

क्रोध
क्रोध व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करता है, जिससे धन संबंधी बड़े नुकसान हो सकते हैं। क्रोध में लिए गए ज्यादातर निर्णय बाद में पछतावे का कारण बनते हैं। यह व्यक्ति की आंतरिक शांति को नष्ट कर देता है, जिससे वह सही समय पर सही निवेश या व्यापारिक फैसला नहीं ले पाता। जब भी बुरा समय आए या कोई चुनौती सामने हो, तो घबराएं नहीं, बल्कि शांत होकर स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढें। शांत मन ही धन संबंधी सही निर्णय ले सकता है।
ईश्वर में आस्था और अच्छे आचरण का अभाव
बाबा के अनुसार, धन की स्थिरता व्यक्ति के चरित्र और आस्था से जुड़ी होती है। जो व्यक्ति चरित्रवान नहीं है, उसका आचरण खराब है, या जिसका ईश्वर पर भरोसा नहीं है, उसे भले ही कुछ समय के लिए धन मिल जाए लेकिन वह धन टिकता नहीं है और गरीबी उसे घेर लेती है। मेहनत से अर्जित किया गया धन ही फलता-फूलता है। हमेशा सत्यनिष्ठा और अच्छे आचरण से युक्त रहें। कठिन समय में भी भगवान पर अटूट विश्वास बनाए रखें। जो ईश्वर में आस्था रखता है, उसकी सभी सुख-सुविधाएं भगवान की कृपा से पूरी हो जाती हैं।

