आषाढ़ नवरात्रि 2021: इन 4 मंत्रों के जप से प्रसन्न होंगी देवी दुर्गा

punjabkesari.in Friday, Jul 09, 2021 - 01:21 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नवरात्रों में देवी दुर्गा उनके नव रूपों की पूजा का विधान है। परंतु अगर बात की जाए गुप्त नवरात्रों की तो इस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा का अधिक महत्व बताया गया है हालांकि इस दौरान देवी की सात्विक और तांत्रिक दोनों ही तरह की पूजा करनी विशेष रहती है परंतु अधिकतर रूप से तंत्र साधना से जुड़े लोग देवी की आराधना करते हैं।

इसके अलावा नवरात्रि ही ऐसा पर माना जाता है जिसमें माता दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी तथा देवी सरस्वती की साधना कर व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।  11 जुलाई से इस वर्ष के आषाढ़ नवरात्रि प्रारंभ होने वाले हैं जिसके साथ ही देवी दुर्गा की पूजा का सिलसिला पूरे देश में शुरू हो जाएगा। आज हम आपको इसी खास मौके को ध्यान में रखते हुए ऐसे मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जो देवी दुर्गा के प्रिय मंत्र माने जाते हैं। कहा जाता है इसके जप से व्यक्ति अपने जीवन में अधिक से अधिक सफलता पाता है तथा उसके जीवन की तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं

जाने कौन से हैं वह मंत्र-

* सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

* ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
* या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का जाप अधिक से अधिक अवश्‍य करें।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News