Javare / Kheti: खेत्री के रंग से जानें कैसा रहेगा आने वाला साल
punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 07:48 AM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2021_10image_07_40_355129217khetimain.jpg)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Javare / Kheti: विजय दशमी के दिन नवरात्रि में बोई गई जौ अर्थात खेतरी को प्रात: तोड़ा जाता है और पूजा स्थान के अतिरिक्त इसे घर के शुभ स्थानों पर रखा जाता है। जौ जीवन में सुख और शांति का प्रतीक होते हैं क्योंकि देवियों के 9 रूपों में एक मां अन्नपूर्णा का रूप भी होता है। जौ का हरा-भरा होना इस बात का प्रतीक है कि जीवन भी हरा-भरा रहे और साथ ही देवी की कृपा भी हम पर हमेशा बनी रहे। जौ के रंगों से भविष्य कथन की भी परम्परा है। जौ के रंग देखकर आप अपने भविष्य के बारे में अनुमान लगा सकते हैं।
हरा : परिवार में धन-धान्य, सुख-समृद्धि रहेगी।
सफेद : शुभता रहेगी।
काला : निर्धनता, अत्यधिक व्यय की सम्भावना।
नीला : पारिवारिक कलह के संकेत।
रक्तवर्ण : रोग-व्याधि हो सकती है।
धूम्र (धुएं के रंग जैसा) : अभाव इंगित करता है।
मिश्रित रंग : काम बनेगा या रुकेगा।
आकार में टेढ़े जौ : दुर्घटनाएं सम्भावित।
संकट से मुक्ति के उपाय
जौ के अशुभ संकेत होने पर मां दुर्गा से कष्टों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें और दसवीं तिथि को नवग्रह के नाम से 108 बार हवन में आहूति दें। उसके पश्चात मां के बीज मंत्र ‘ओम् ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नम:’ का जाप करें।
विसर्जन करने से पहले माता जी के स्वरूप तथा जवारों का विधिपूर्वक पूजन करें। विधि-विधान से पूजन किए जाने से अधिक मां दुर्गा भावों से पूजन किए जाने पर अधिक प्रसन्न होती हैं।
अगर आप मंत्रों से अनजान हैं तो केवल पूजन करते समय दुर्गा सप्तशती में दिए गए नवार्ण मंत्र ‘ओम् ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ से समस्त पूजन सामग्री अर्पित करें। मां शक्ति का यह मंत्र समर्थ है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार पूजन सामग्री लाएं और प्रेम भाव से पूजन करें। संभव हो तो श्रृंगार का सामान, नारियल और चुनरी अवश्य अर्पित करें।
पूजन समाप्ति के उपरांत अंजली में चावल एवं पुष्प लेकर जवार का पूजन निम्न मंत्र के साथ करें :
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।
अब जौ का विसर्जन कर दें। नवरात्र के 9 दिनों में जौ में समाई नवदुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होता है।