Narak Chaturdashi upay: नर्क की यातनाओं से बचने के लिए यमराज को करें प्रसन्न

punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 02:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Narak Chaturdashi 2025: शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जी का वास वहीं होता है, जहां सुंदरता एवं पवित्रता हो। लोग लक्ष्मी जी की प्राप्ति के लिए यथासंभव घरों की सफाई एवं सजावट करते हैं। दूसरे अर्थों में नरक अर्थात गंदगी का अंत जरूरी है। दीपावली दीयों का त्यौहार है, जिसमें लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। लक्ष्मी जी के स्वागत एवं पूजन के लिए लोग अपने घरों को साफ करने में जुट जाते हैं, इसी कारण घरों में पेंट व सफेदियां आदि करवाई जाती हैं तथा घरों को विभिन्न प्रकार के सुंदर एवं आकर्षक अंदाज में सजाने की परम्परा है। 

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इस दिन अपने घर की सफाई जरूर करनी चाहिए। घर की सफाई के साथ ही अपने रूप और सौन्दर्य प्राप्ति के लिए भी शरीर पर उबटन लगा कर स्नान करना चाहिए। इस दिन रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक जलाने की परम्परा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली के रूप में मनाई जाती है।

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क्या अवश्य करें
इस दिन जहां घर की सफाई की जाती है, वहीं घर से हर प्रकार का टूटा-फूटा सामान भी फैंक देना चाहिए। घर में रखे खाली पेंट के डिब्बे, रद्दी, टूटे-फूटे कांच या धातु के बर्तन, किसी प्रकार का टूटा हुआ सजावटी सामान, बेकार पड़ा फर्नीचर व अन्य प्रयोग में न आने वाली वस्तुओं को यमराज का नरक माना जाता है इसलिए ऐसी बेकार वस्तुओं को घर से हटा देना चाहिए।

इस दिन सायं 4 बत्ती वाला मिट्टी का दीपक पूर्व दिशा में अपना मुख करके घर के मुख्य द्वार पर रखें तथा मंत्र का जाप करें और नए पीले रंग के वस्त्र पहन कर यम का पूजन करें। जो व्यक्ति इन बातों पर अमल करता है, उसे नर्क की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। 

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Yamraj mantra यमराज मंत्र: दत्तो दीप: चतुर्दश्यां नरक प्रीतये मया। चतुर्वर्ति समायुक्तं: सर्व पाप न्विमुक्तये।।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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