Muni Shri Tarun Sagar: दुनिया में अगर शराब नाम की चीज न होती तो...
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 08:26 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
शांतिमय जीवन
पूछा है : शांतिमय जीवन जीने के लिए क्या करें? कुछ मत करो, बस काम के समय काम करो और जब काम न कर रहे हो तो आराम करो। शाम को दुकान से घर लौटो तो दुकान घर मत लाओ और सुबह जब घर से दुकान जाओ तो घर को घर पर ही छोड़कर जाओ। जहां हो वहां अपनी 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराओ। आधे-अधूरे मन से कोई भी काम मत करो, इससे काम भी बिगड़ेगा और तनाव भी बढ़ेगा। झाड़ू ही क्यों न लगानी हो, पूरे आनंद से भर कर लगाओ।
सद्गुरु एक दीप है
सद्गृहस्थ का शाश्वत धर्म यही है कि यदि संत-मुनि तुम्हारे घर-नगर आ रहे हैं तो उनकी अगवानी करो, उनका स्वागत और अभिनंदन करो। यदि संत-मुनि तुम्हारे घर-नगर में ठहरते हैं तो उनके प्रवास की समुचित व्यवस्था करो और यदि संत-मुनि तुम्हारे नगर में विहार कर रहे हैं तो उन्हें रोको मत, सहज व प्रसन्न मन से विदा करो क्योंकि वे तुम्हारे ही किसी भाई के कल्याण और मुक्ति के लिए जा रहे हैं। सद्गुरु एक दीप है। दीप का काम दीयों की बाती को प्रज्वलित करना, उन्हें जगाना और आगे बढ़ जाना है।
पूरी मानवता के लिए जहर
बीड़ी और सिगरेट तो केवल मानव के लिए जहर हैं लेकिन शराब तो पूरी मानवता के लिए जहर है। नदी, तालाब और समुद्रों में डूबकर अब तक जितने लोग नहीं मरे होंगे, उससे भी कहीं अधिक लोग शराब के छोटे से प्याले में डूब कर मर चुके हैं। इस अंगूर की बेटी ने पता नहीं कितनी मां के बेटों का बेड़ा गर्क कर रखा है, दुनिया में अगर शराब नाम की चीज न होती तो दुनिया का नक्शा ही कुछ और होता। इस नशे ने व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और दुनिया की दशा और दिशा दोनों बिगाड़ रखी है।