Muni Shri Tarun Sagar: मन पर मर्जी सिर्फ मालिक की रखना
punjabkesari.in Friday, Jun 02, 2023 - 09:46 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
समय का सदुपयोग
आदमी खाते-पीते, सोते-जागते, उठते-बैठते, चलते-फिरते, आते-जाते सब भूल जाता है पर एक चीज नहीं भूलता- वह है : सांस लेना। श्वास ही जिंदगी है और विश्वास ही बंदगी है। कुदरत हमें हर रोज 1440 मिनट बख्शती है। अब इन 1440 मिनटों का कैसे उपयोग करना है, यह हम पर निर्भर करता है। हम उनका उपयोग जीवन को तीर्थ बनाने में कर सकते हैं या फिर तमाशा बनाने में।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
ज्यादा नहीं टिकती रूप की धूप
आज की दुनिया में सबको अपने अंदर रूप की चिंता है। क्या स्त्री, क्या पुरुष सब रूप के लिए क्या नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि रूप की धूप ज्यादा देर नहीं टिकती। रूप नश्वर है। स्वरूप शाश्वत है। रूप बाहरी है। स्वरूप अंदरूनी है। रूप अनेक हो सकते हैं परंतु स्वरूप तो एक ही होगा। रूप बदल सकता है लेकिन स्वरूप कभी नहीं बदलता। व्यक्ति को अपने रूप की चिंता न कर स्वरूप की चिंता करनी चाहिए।
संसारी और संन्यासी में अंतर
हाथ से छूटे उसका नाम त्याग है और हृदय से छूटे उसका नाम वैराग्य है। त्याग से वैराग्य बड़ा है। जो तन और धन को संभालने में लगा हो, वह संसारी है और जो मन और जीवन को संभालने में लगा है वह संन्यासी है। अपना तन और धन परिवार को दे देना, कोई चिंता नहीं। मगर अपना मन सिवाय अपने प्रभु के और किसी को मत देना क्योंकि मन दुनिया को दिया तो मन खट्टा हो जाएगा। मन पर मर्जी सिर्फ मालिक की रखना।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
Recommended News
Recommended News

राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचे नड्डा-शाह, BJP नेताओं संग बैठक कर लिया फीडबैक

CM योगी ने की ‘स्वच्छता श्रमदान’ कार्यक्रम में तैयारियों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

पुलिस ने सिर कटी लाश का 24 घंटे में खोला राज: पति ने सौतेले पुत्रों के साथ मिलकर की थी हत्या; वजह कर देगी हैरान

सारण में ट्रेन से कटकर 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत, शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस