Muni Shri Tarun Sagar: जब तक दो तरह की जिंदगी रहेगी तब तक...

punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2023 - 10:30 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

दो चेहरे की जिंदगी
एक भिखारी सड़क के किनारे भीख मांग रहा था। वहां से गुजर रहे एक साहब बोले,‘‘क्यों भाई, कल तो तुम सामने वाली नुक्कड़ पर लाटरी के टिकट खरीद रहे थे और आज अंधे होने का नाटक कर रहे हो ?’’

 भिखारी ने कहा, ‘‘साहब, वह मेरी सोशल लाईफ थी और यह मेरी प्रोफैशनल लाइफ है।’’

PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें  

कीचड़ में कमल
भगवान महावीर कहते हैं जब तक दो तरह की जिंदगी रहेगी तब तक आप धार्मिक नहीं हो सकते। दोहरी जिंदगी ही विसंगतियों का मूल है। दो दृष्टियां हैं- एक दृष्टि दुर्योधन जैसी है, दूसरी दृष्टि युधिष्ठिर जैसी है। दुर्योधन को पूरी द्वारिका में एक भी आदमी ऐसा नहीं मिलता जिसमें कोई विशेषता हो। उधर युधिष्ठिर को पूरी द्वारिका में ऐसा आदमी नहीं मिलता, जिसमें कोई विशेषता न हो।
युधिष्ठिर को प्रत्येक आदमी में कोई न कोई गुण दिखाई देता है। सम्यक दृष्टि वही है जो कीचड़ में कमल को देख लेती है, दुख में भी सुख खोज लेती है।

PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar

हिंसा धर्म नहीं हो सकती
अहिंसा धर्म का प्रथम द्वार है और सौहार्द का महोत्सव है। हिंसा कभी धर्म नहीं हो सकती, भले ही वह किसी देवी-देवता के नाम से क्यों न की गई हो।

अहिंसा और सत्य भारत के सर्वोच्च सिद्धांत रहे हैं। देश की मोहर में भी ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है।

PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar

मेरा मानना है कि जब तक किसी मनुष्य या जानवर की आंख में आंसू रहेंगे तब तक हमारा अहिंसा और सत्य का सिद्धांत अधूरा है। हमें इस सिद्धांत को आगे ले जाना है।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News