कड़वे प्रवचन... लेकिन सच्चे बोल: हर इंसान को अकेले ही जीना पड़ता है

punjabkesari.in Friday, Dec 03, 2021 - 09:09 AM (IST)

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Muni Shri Tarun Sagar: अच्छा सेनापति वह होता है जो विपरीत परिस्थितियों में अपनी सेना का मनोबल बनाए रखता है। परिवार का मुखिया भी परिवार का सेनापति होता है। उसे चाहिए कि वह परिजनों का मनोबल बनाए रखे। कभी घर वालों का मनोबल टूटने न दे। इंसान का जन्म ही रोने से प्रारंभ होता है। पहला श्वास अंदर जाते ही बच्चे का रोना शुरू हो जाता है। जीवन में रोइए जरूर मगर यह भी याद रखिए कि अपने आंसू स्वयं को ही पौंछने पड़ते हैं। दुनिया में भीड़ बहुत है। पर यह भी सच है कि हर इंसान को अकेले ही जीना पड़ता है।

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आप बीमार पड़ते हैं। डाक्टर आता है, इंजैक्शन लगाता है, पीड़ा भी होती है फिर भी आप डाक्टर को 500 का नोट देते हैं। मैं भी आया। मैंने आपको ‘कड़वे प्रवचन’ के इंजैक्शन लगाए, पीड़ा भी हुई होगी, पर आज आपको मेरी फीस नहीं देनी होगी। मुझे फीस में आपसे ‘500 का नोट’ नहीं चाहिए। बस, आप अपने जीवन की ‘5 खोट’ दे देना ताकि आप दिन में आराम से रह सकें और रात में चैन की नींद सो सकें। मैं अपने प्रवचनों की कोई दक्षिणा नहीं लेता। मैं तो खुद उत्तर से चलकर दक्षिण आया हूं। दक्षिणा लेकर क्या करूंगा।

 

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वक्त को गुजरते वक्त नहीं लगती। आगमन शब्द में ही कहीं-न-कहीं गमन छुपा हुआ है। जो आएगा वह जाएगा जरूर लेकिन जो जा रहा है वह आएगा इसकी कोई गारंटी नहीं। यही पुराना सच है। पुराने सच को आज का सच मान कर जीना शुरू कर दो, कोई संयोग-वियोग आपको रुला नहीं सकता।

- मुनि तरुण सागर जी

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Content Writer

Niyati Bhandari

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