Motivational Story: रिवाज की सत्ता या इंसानियत की हिफाज़त, क्या है बलि की दुविधा
punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 02:02 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Motivational Story: एथेंस को देवताओं का शहर माना जाता है। एक बार एक धार्मिक स्थल में एक उत्सव था, जिसमें शामिल होने के लिए वहां के महान दार्शनिक प्लेटो को भी न्योता आया। प्लेटो उत्सव में सम्मिलित होने के लिए जब पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर वह दुखी हो गए।

उन्होंने देखा कि जो भी व्यक्ति वहां आता , अपने साथ एक पशु लाता और प्रतिमा के सामने खड़े होकर उसकी बलि चढ़ाता। पशु पर जब प्रहार किया जाता तो वह कुछ देर तक तड़पता और मर जाता।
यह देखकर वहां लोग प्रसन्न हो रहे थे और गीत गाते हुए नृत्य कर रहे थे। प्लेटो ने ऐसा उत्सव पहली बार देखा था। वे दुखी होकर वहां से जाने लगे तो एक व्यक्ति ने उन्हें रोका और कहा, “मान्यवर जा रहे हैं,
आज तो आपको भी बलि चढ़ानी होगी।” प्लेटो ने वहीं थोड़ी मिट्टी इकट्ठा की और पानी लेकर उसे गीला किया। फिर उस गीली मिट्टी से उन्होंने एक जानवर बनाया और प्रतिमा के सामने रखकर तलवार से उसकी बलि चढ़ा दी।

वहां उपस्थित धर्म अधिकारियों को उनका वह व्यवहार अच्छा नहीं लगा। उन्होंने प्लेटो पर कटाक्ष किया, “क्या यही आपका बलिदान है ? ”
प्लेटो ने कहा, “हां, यही बलिदान है। मिट्टी की बनी प्रतिमा के लिए मिट्टी के बने जानवर की बलि ही उपयुक्त है।”
धर्म अधिकारियों ने उनकी इस बात का विरोध किया और पूछा कि क्या वे सब लोग मूर्ख थे, जिन्होंने यह प्रथा चलाई थी ?
इस पर प्लेटो ने पलटकर कहा, “जिन्होंने भी यह प्रथा चलाई, उन्होंने पशु नहीं, करुणा की हत्या का प्रचलन शुरू किया था।” इस तर्क के आगे सभी निरुत्तर हो गए।

