Motivational Concept: जब कलाम ने बच्चों को घुमाने की जिम्मेदारी स्वयं ली...

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 09:57 AM (IST)

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एक बार डा. अब्दुल कलाम इसरो के बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट पर अन्य 70 वैज्ञानिकों के साथ दिन-रात मेहनत कर रहे थे। मिशन में आ रही तकनीकी दिक्कतों से वे मिशन की सफलता को लेकर संशय में थे, हालांकि वह आशावान भी थे। 

कलाम अपने ऑफिस में बैठ कर प्रोजैक्ट की बारीकियों पर विचार कर रहे थे कि उसी समय उनके चैम्बर में एक वैज्ञानिक ने आकर उनसे आग्रह किया कि क्या वह आज शाम 5.30 बजे काम खत्म करके घर जा सकता है। उसका कहना था कि उसने अपने बच्चों को आज प्रदर्शनी में ले जाने का वायदा किया है। यह सुनकर कलाम ने उसे आज्ञा दे दी। वह वैज्ञानिक खुशी-खुशी फिर काम में लग गया। 

उसके बाद वह वैज्ञानिक काम में इतना तल्लीन हो गया कि उसे अपने बच्चों से किए वायदों का भी ख्याल नहीं रहा। उसे इस बात की कि तब सुध हुई जब कई घंटे बाद उसने अपनी घड़ी देखी, जिसमें साढ़े आठ  बजे रहे थे।

वह जल्दी-जल्दी कलाम के चैम्बर में पहुंचा, लेकिन उसे यह देखकर भारी निराशा हुई कि डा. कलाम वहां नहीं थे। अपने बच्चों से किया वायदा पूरा न कर पाने के कारण वैज्ञानिक दुखी था। वह उदास मन से अपने घर लौट आया। घर लौटने पर उसने पत्नी से पूछा, ‘‘बच्चे कहां हैं?’’ 

पत्नी ने कहा डा. कलाम घर आए थे और बच्चों को अपने साथ प्रदर्शनी दिखाने ले गए हैं। यह सुनकर उसने मन ही मन कलाम को धन्यवाद दिया।
 


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Content Writer

Jyoti

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