Motivational Concept: अपनी इच्छाओं से रहें सावधान!
punjabkesari.in Thursday, Dec 02, 2021 - 12:10 PM (IST)
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एक बार तीन व्यक्ति महात्मा के पास आए। उनमें से एक व्यक्ति बोला, ‘‘मेरे पास धन-दौलत है, हरा-भरा परिवार है। सबसे बड़ा दुख यह है कि मुझे यश नहीं मिलता, आप मुझे प्रतिष्ठा और ख्याति मिलने का वरदान दें।’’ दूसरे ने कहा, ‘‘धन-दौलत मेरे पास भी बहुत है। पद-प्रतिष्ठा भी है लेकिन अपार-धन सम्पत्ति का वारिस कोई नहीं है। आप संतान प्राप्ति का वरदान दीजिए।’’ तीसरे व्यक्ति ने कहा, ‘‘महाराज मेरे घर में सुशील पत्नी है, आज्ञाकारी बेटे-बेटियां भी हैं, लेकिन धन के अभाव में जीवन जीते हुए पग-पग पर अभाव झेलने पड़ते हैं। कृपया मुझे धन प्राप्ति का वरदान दीजिए।’’
तीनों की दुखभरी कहानियां सुनकर महात्मा ने समझाया, ‘‘सच्चा सुख इनमें नहीं है। तुम जिसे सुख मान रहे हो कभी-कभी उससे दुख ही मिलता है। सच बात तो यह है कि हर सुख के पीछे उनके दुख छिपे होते हैं। फिर भी तुम लोग चाहते हो तो जाओ, तुम सबकी इच्छाएं पूरी होंगी।’’
कुछ समय बाद सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हो गईं। बरसों बाद तीनों व्यक्ति महात्मा जी के पास आए और अपनी-अपनी आपबीतियां सुनाने लगे। पहला व्यक्ति बोला, ‘‘मुझे इतनी प्रतिष्ठा और यश मिला है कि मैं ऊब गया हूं।’’ दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘‘महाराज, आपके आशीर्वाद से पुत्र तो हो गए पर सभी अव्वल दर्जे के बेवकूफ हैं। उन्होंने अपनी मूर्खता से मेरी यश-प्रतिष्ठा धूल में मिला दी है।’’
तीसरे ने कहा, ‘‘महात्मन् आपके आशीर्वाद से धन तो आ गया किंतु घर में पहले जो शांति और अपनत्व था पैसा आने के बाद वह समाप्त हो गया।’’
किसी ने सच कहा है कि कई बार कोई इच्छा पूरी हो जाने के बाद समस्याएं पैदा हो जाती हैं इसलिए अपनी इच्छाओं से सावधान रहो।