समय गंवाए बिना करें मुसीबतों का सामना, निश्चित मिलेगी जीत

punjabkesari.in Wednesday, Mar 03, 2021 - 12:51 PM (IST)

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एक किसान था। वह एक बड़े से खेत में खेती किया करता था। उस खेत के बीचों-बीच पत्थर का एक हिस्सा जमीन से ऊपर निकला हुआ था, जिससे ठोकर खाकर वह कई बार गिर चुका था और न जाने कितनी ही बार उससे टकराकर खेती के औजार भी टूटे चुके थे। रोजाना की तरह आज भी वह सुबह-सुबह खेती करने पहुंचा पर जो सालों से होता आ रहा था एक वही हुआ, एक बार फिर किसान का हल पत्थर से टकराकर टूट गया। किसान ने मन ही मन सोचा कि आज जो भी हो जाए वह इस चट्टान को जमीन से निकाल कर इस खेत के बाहर फैंक देगा। वह गांव से कुछ लोगों को बुला लाया और बोला, ‘‘हम सभी को मिलकर इस पत्थर को जड़ से निकालना है और खेत के बाहर फैंक देना है।’’

और ऐसा कहते ही वह फावड़े से पत्थर के किनारे वार करने लगा, पर ये क्या अभी उसने एक-दो बार ही मारा था कि पूरा का पूरा पत्थर जमीन से बाहर निकल आया। साथ खड़े लोग भी अचरज में पड़ गए और उन्हीं में से एक ने हंसते हुए पूछा, ‘‘क्यों भाई, तुम तो कहते थे कि तुम्हारे खेत के बीच में एक बड़ी सी चट्टान दबी हुई है, पर ये तो एक मामूली सा पत्थर निकला?

किसान को पछतावा हुआ कि काश उसने पहले ही इसे निकालने का प्रयास किया होता तो न इतना नुक्सान उठाना पड़ता। कहानी का आशय यह है कि किसान की तरह ही हम भी कई बार जिंदगी में आने वाली छोटी-छोटी बाधाओं को बहुत बड़ी समझ लेते हैं और उनसे निपटने की बजाय तकलीफ उठाते रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि हम बिना समय गंवाए उन मुसीबतों से लड़ें।


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Content Writer

Jyoti

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