दुखों को भूलकर आगे बढ़ने का प्रयत्न करें

punjabkesari.in Tuesday, Mar 02, 2021 - 04:13 PM (IST)

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एक बार एक जोकर सर्कस में लोगों को एक चुटकुला सुना रहा था। चुटकुला सुनकर लोग खूब जोर-जोर से हंसने लगे। कुछ देर बाद जोकर ने वही चुटकुला दोबारा सुनाया। अबकी बार कम लोग हंसे। थोड़ा और समय बीतने के बाद तीसरी बार भी जोकर ने वही चुटकुला सुनाना शुरू किया।

पर इससे पहले कि वह अपनी बात खत्म करता बीच में ही एक दर्शक बोला, ‘‘अरे! कितनी बार एक ही चुटकुला सुनाओगे...कुछ और सुनाओ अब इस पर हंसी नहीं आती।’’

जोकर थोड़ा गंभीर होते हुए बोला, ‘‘धन्यवाद भाई साहब, यही तो मैं भी कहना चाहता हूं...जब खुशी के एक कारण की वजह से आप लोग बार-बार खुश नहीं हो सकते तो दुख के एक कारण से बार-बार दुखी क्यों होते हो। भाइयो हमारे जीवन में अधिक दुख और कम खुशी का यही कारण है कि हम खुशी को आसानी से छोड़ देते हैं पर दुख को पकड़ कर बैठे रहते हैं।’’

आशय यह है कि जीवन में सुख-दुख का आना-जाना लगा रहता है पर जिस तरह एक ही खुशी को हम बार-बार नहीं महसूस करना चाहते उसी तरह हमें एक ही दुख से बार-बार दुखी नहीं होना चाहिए। जीवन में सफलता तभी मिलती है जब हम दुखों को भूलकर आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं।
 


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Content Writer

Jyoti

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