Motivational Concept: क्या मानव ही है मानव का शत्रु

punjabkesari.in Friday, Sep 02, 2022 - 10:46 AM (IST)

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दुनिया भर के सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ प्राणी मानव बतलाया गया है। अत: मानव का कत्र्तव्य है कि वह अपने सुख के साथ ही संसार के सारे प्राणियों के सुख के लिए भी काम करे। बादशाह महसूद अपने वजीर के साथ एक बार जंगल के रास्ते से जा रहा था। वहां उल्लुओं को आपस में बात करते देखा। वजीर का मजाक उड़ाते हुए बादशाह बोला, ‘‘मैंने सुना है, तुम उल्लू की भाषा जानते हो। बतलाओ, ये क्या बातें कर रहे हैं?’’

बादशाह की लूटमार के कारण सैंकड़ों गांव अब तक उजड़ चुके थे। इधर वजीर दयालु था। मौका अच्छा देख कर वह बोला, ‘‘इन उल्लुओं में एक लड़की का पिता है और दूसरा लड़के का पिता है। सगाई करने के साथ  लड़के वाला दहेज में दस उजड़े गांव मांग रहा था क्योंकि उल्लू उजड़े गांवों में ही रहना पसंद करते हैं।’’

बादशाह ने पूछा, ‘‘फिर दूसरे  उल्लू ने क्या जवाब दिया?’’
 

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‘‘उसने कहा कि अगर बादशाह महसूद जिंदा रहा तो तुम्हें दस तो क्या बीस गांव दहेज में दे दूंगा।’’

बादशाह वजीर की बात सुनकर लज्जित हो गया और कहते हैं उसी दिन से अत्याचार करना उसने बंद कर दिया। ऐसे बुद्धिमानी लोग दूसरों की रक्षा करते हैं।

आज का मानव तो एक-दूसरे को मारने में लगा है। अपने स्वार्थ के कारण मानव ही मानव का शत्रु बन गया है। जितना मानव मानव को मार रहा है, उतना दुनिया का दूसरा प्राणी नहीं। मानव को यह बात समझने की आवश्यकता है। —आचार्य ज्ञान चंद्र
 


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Content Writer

Jyoti

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