Mokshada Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी के दिन श्री हरि को अर्पित करें ये चीजें, भरे रहेंगे आपके भंडार

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 02:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mokshada Ekadashi 2024: पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार ये व्रत 11 दिसंबर को रखा जाएगा गीता जयंती के साथ। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और श्री हरि की खास कृपा होती है। इस दिन विशेष पूजा अर्चना, उपवासी रहकर भगवान विष्णु को भोग अर्पित करने की परंपरा है। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु को भोग अर्पित करने से घर में सुख, समृद्धि और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। तो चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन श्री हरि को कौन सी चीजों का भोग लगाना चाहिए।

PunjabKesari Mokshada Ekadashi 2024

भगवान विष्णु को अर्पित किए जाने वाले भोग

पंचामृत – दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत का विशेष महत्व है।

तुलसी के पत्ते- भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व है। इन पत्तों को भगवान के चरणों में अर्पित करना पुण्य दायक होता है। इन पत्तों का सेवन करने से शरीर में शुद्धता आती है और जीवन में संतुलन और शांति बनी रहती है।

मिश्री, दही और मक्खन श्री हरि को अर्पित करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है और भगवान की कृपा होती है।

पीले रंग की मिठाई- भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में यदि आप एकादशी के दिन ऐसा करते है तो सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

श्रीफल- मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को श्रीफल अर्पित करने का विशेष महत्व है। यह धन, सुख, समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। नारियल में भरा हुआ पानी भी अर्पित करना चाहिए क्योंकि यह भी पवित्र और लाभकारी माना जाता है।

दूध और घी- भगवान विष्णु को दूध और घी का भोग अर्पित करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन भगवान को शुद्ध दूध से बने पकवानों का भोग अर्पित करना चाहिए। विशेष रूप से घी का उपयोग अधिक किया जाता है क्योंकि यह सत्त्व गुण को बढ़ाने वाला होता है। साथ ही, घी का तात्पर्य समृद्धि और सुख से भी जुड़ा होता है।

PunjabKesari Mokshada Ekadashi 2024

Mokshada Ekadashi auspicious time मोक्षदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2024

11 दिसंबर को 2024 दिन बुधवार को मोक्षदा एकादशी पड़ेगी। 12 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से सुबह 9 बजकर 9 मिनट से व्रत रखने की शुरुआत होगी। रात को 10 बजकर 26 मिनट पर व्रत का समापन होगा।

Importance of Mokshada Ekadashi fast मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्व

मोक्षदा एकादशी को विशेष रूप से पापों के नाश और पुण्य की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपासना करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन उपवास रखने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे आंतरिक शांति और आत्म साक्षात्कार की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, वे मृत्यु के बाद भगवान के परम धाम में स्थान पाते हैं। मोक्षदा एकादशी का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इसे मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष का अर्थ है संसार के सभी बंधनों से मुक्ति प्राप्त करना और यह भगवान विष्णु की कृपा से ही संभव हो पाता है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु के समक्ष अर्चना, प्रार्थना और उपासना करने से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
 

PunjabKesari Mokshada Ekadashi 2024


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News