मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को और भी बदतर बना सकता है ध्यान

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2024 - 09:07 AM (IST)

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कोवेंट्री (प.स.): चूंकि ध्यान ऐसी चीज है जिसका अभ्यास आप घर पर मुफ्त में कर सकते हैं, इसलिए यह अक्सर तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एकदम सही 'टॉनिक' की तरह लगता है। यह एक प्रकार का बौद्ध-आधारित ध्यान है जिसमें आप वर्तमान क्षण में जो कुछ भी अनुभव कर रहे हैं, सोच रहे हैं और महसूस कर रहे हैं उसके प्रति जागरूक होने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

इसका पहला दर्ज किया गया प्रमाण भारत में पाया गया जो 1500 साल से भी अधिक पुराना है। इसमें मनोविकृति, पृथक्करण और विवैयक्तिकरण (जब लोगों को लगता है कि दुनिया ‘अवास्तविक' है) के प्रकरणों से जुड़ी संज्ञानात्मक विसंगतियों का भी विवरण दिया गया है। पिछले 8 वर्षों में इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान में उछाल आया है। इन अध्ययनों से पता चलता है कि प्रतिकूल प्रभाव दुर्लभ नहीं हैं।

2022 में अमरीका में नियमित रूप से ध्यान करने वाले 953 लोगों के नमूने का उपयोग करके किए गए एक अध्ययन से पता चला कि 10 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिकूल प्रभावों का अनुभव किया, जिसका उनके रोजमर्रा के जीवन पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ा और यह कम से कम एक महीने तक चला।

साल 2020 में प्रकाशित 40 से अधिक वर्षों के शोध की समीक्षा के अनुसार सबसे आम प्रतिकूल प्रभाव चिंता और अवसाद हैं। इसके बाद मनोविकृति या भ्रम के लक्षण, पृथक्करण या व्यक्तित्व-विहीनता और भय या आतंक होते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि प्रतिकूल प्रभाव उन लोगों पर भी पड़ सकता है, जिन्हें पहले से कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या नहीं रही है या जो ध्यान के संपर्क में केवल मध्यम स्तर पर ही आए हैं तथा इससे दीर्घकालिक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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