Maun vrat: सेहत के लिए टानिक का काम करता है मौन, आइए जानें कैसे
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 04:37 PM (IST)

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Maun vrat: हममें से प्रत्येक ने जीवन में कभी न कभी मौन के लाभ का अनुभव किया है। एक अत्यंत व्यस्त व्यक्ति भी अपने पूरे दिन के काम में अवकाश के लिए समय जरूर रखता है। मौन जीवन का एक बहुत ही जरूरी अंग है। जब हम किसी झील के किनारे या बगीचे में घूमते हैं या पर्वत के शिखर पर पहुंच कर कुदरत के रूप को निहार रहे होते हैं तो हम वास्तव में अनजाने में मौन की खोज में होते हैं और उसका उपयोग करते हैं, पर हमें हर समय मौन की इस महत्ता का एहसास नहीं होता।
जीवन में मन बहलाव के ऐसे अवसर भले ही बहुत कम प्राप्त होते हैं, पर जब कभी वे मिलते हैं तो हम उस प्रभाव को नहीं भूल सकते जो कुदरत ने हमारे चरित्र पर डाला है।
कभी-कभी जब हम अकेले होते हैं और जब सब कुछ शांत होता है, तो हमें एक प्रकार की खुशी मिलती है और हमारे हर अंग में ताजगी आती है। हमारी खोई हुई ताकत लौट आती है। कुल मिलाकर असर यह होता है कि हमारा तन और मन दोनों ही कुछ खास महसूस करते हैं। हम दिन भर कितने ही बड़े काम में क्यों न लगे हों, अंत में उस घड़ी की चाह रखते हैं जब हमारे विचार, इच्छाएं और आशाएं, चिंताएं और जिम्मेदारियां सब कुछ पीछे छूट जाता है। हम गहरी नींद में चले जाते हैं। वह गहरी नींद है क्या? क्या वह मौन का ही अवसर नहीं है? हम इस अवस्था में सब कुछ पीछे छोड़ जाते हैं यहां तक कि अपने शरीर का भी ज्ञान नहीं रहता और इसीलिए उससे हम आनंद प्राप्त करते हैं। नींद के बारे में जानने के लिए न तो हमारे पास समय है और न ही कोई खास दिलचस्पी। बस इस अवस्था में आराम और शांति पाते हैं और यही काफी है।
मौन का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। महात्मा गांधी मौन के महत्व को स्वीकार करते थे। संत विनोबा भावे ने तो मौन को अपने जीवन का एक अंग ही बना लिया था। मौन के आधार पर ही इसकी परिभाषा मुनि के आचरण से दी गई है।
हमारे स्वास्थ्य के लिए मौन परम आवश्यक है। शुरू में मौन का अभ्यास यह है कि हम कुछ समय के लिए चुपचाप बैठ जाएं और मन में किसी गंभीर विचार को न आने दें। इस प्रकार भले ही वह दस मिनट के लिए ही क्यों न हो, यदि हम अपने में रहेें तो वह हमारी सेहत के लिए भी टानिक का काम करता है।
इस प्रकार हमारी चिंताएं और मन की चंचलता भी कम होती है। मौन की शक्ति का अनुभव देर रात में होता है। रात की गंभीरता को यदि हम अपने मन में अनुभव करने की कोशिश करें तो इससे बहुत ही अनोखी तरह से मन का तनाव दूर होगा।