श्री मार्कंडेय पुराण में बताया गया है रोगनाशक मंत्र, जप करने वाले को छू नहीं पाते रोग
punjabkesari.in Sunday, Jun 19, 2022 - 11:47 AM (IST)

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जिस तरह से हर रोज मार्केट में कोई नई चीज़ का आगमन होता है ठीक उसी तरह कहते हैं रोज़ हवा में नई बीमारी जन्म लेती है। ऐसे में मानव क्या करे और कैसे इन बीमारियों से बचें? इस बारे में हर कोई सोचता है। क्या इसका इलाज घर में बैठ जाना है। परंतु अगर हर कोई बीमारी के डर से घर बैठ जाएगा तो वो अपने जीवन को जीने के लिए रोज़गार कैसे करेगे और खाएगा क्या। तो क्या इसका कोई इलाज नहीं। तो आपको बता दें बीमारी से बचने के लिए जितना जरूरी है अपने आप को इनसे दूर रखना। उतना ही जरूरी है चिकित्सक की मदद लेना। पर क्या आप जानते है इसके अलावा भी एक ऐसा काम किया जा सकता है जिससे किसी भी महामारी से बचा जा सकता है व राहत पा सकते हैं। बता दें इस बारे में हिंदू धर्म के वेद-पुराणों में वर्णन किया गया है। जी हां, शायद आप में से बहुत से लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे, परंतु ये सत्य है। हमारे शास्त्रों में महामारी से बचने के लिए न केवल उपाय बल्कि कई मददगार मंत्र भी दिए गए हैं। तो चलिए बिना देर किए हुए हैं जानते हैं इन उपायों व मंत्रों के बारे में-
श्री मार्कण्डेय पुराण में श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति या मंत्र द्वारा बताया गया है सबसे पहले रोग नाशक मंत्र बताते हैं।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
अब अगला मंत्र है महामारी के नाश के लिए।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।।
इसके अलावा भगवान शिव के बेहद कल्याणकारी और मृत्यु को टालने तक में सक्षम इस महामृत्युंजय मंत्र को जपें-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
ये तो पुराणों में बताए गए वो मंत्र हुए जिन्हें जपने से हर रोग आपसे दूर भागेगा। नियमित तौर पर इन मंत्रों का जाप करना बहुत ही लाभदायी होता है और अगर आपको फिर भी कोराना वायरस का डर सता रहा हो तो अपने घर के सामने ये उपाय जरूर करें। इस टोटके को करने से बड़े से बड़ा शत्रु का डर हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। इस उपाय को करने से उपायकर्ता और उसके आसपास एक रक्षाकवच बन जाता है, जो उसके सभी भय को खत्म कर देता है। सबसे पहले उपाय की सामग्री जान लीजिए। सरसों का तेल, नौ मिट्टी के दीपक, देशी कपूर, 9 लौंग, राई दाने, एक चुटकी आजवाईन और लाल धागा यानि कलावा। आइए अब आपको जानते हैं उपाय करना कैसे हैं-
सभी 9 दीपकों में सरसों का तेल भरकर लाल धागे की बत्ती भी लगा दें, इसके बाद सभी दीपकों में थोड़ा-थोड़ा देशी कपूर डालें। सभी दीपकों में एक-एक लौंग भी डाल दें। चार-चार राई के दानें भी सभी दीपकों में छोड़ दें।
अब इस मंत्र- “ॐ हुं हुं हुं हनुमते नमः” का उच्चारण करते हुए एक-एक करके सभी नौ दीपकों को जलाएं। इन दीपकों में से सबसे पहले दो दीपक अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रख दें। एक दीपक तुलसी में, एक रसोईघर में, एक घर के बीचों-बीच एवं बचे हुए 4 दीपकों को अपने घर की छत के चारों कोनों पर रख दें। ऐसा करने से, प्राण घातक कोरोना नामक महामारी से एवं शत्रुओं से रक्षा होगी
उपरोक्त विधि से उपाय करने के बाद एक लोटे में थोड़ा सा गंगाजल डालकर उसमें शुद्धजल मिलाकर महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते हुए सबसे पहले घर के आंगन में एवं फिर पूरे घर में उक्त जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से बीमारी फैलाने वाले सुक्ष्म से सुक्ष्म कीटाणु भी घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।