Margashirsha Month: सूर्य देव करेंगे वृश्चिक राशि में प्रवेश, 16 नवंबर से शुरू होगी हेमंत ऋतु और पावन मार्गशीर्ष माह
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 06:20 PM (IST)
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Margashirsha Month 2025: 16 नवंबर दोपहर 1:45 बजे से सूर्य देव अपने वार्षिक संचार क्रम में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। इसी संक्रांति के साथ हेमंत ऋतु और सौर मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ होता है। हिंदू शास्त्रों में इसे ऊर्जा, पवित्रता, दान और उपासना का श्रेष्ठ काल माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी श्रीमद्भागवत गीता के दसवें अध्याय में मार्गशीर्ष को सभी महीनों में श्रेष्ठ बताया है, अतः यह महीना पुण्य और दिव्यता से भरा हुआ माना जाता है।

Importance of autumn season and sun worship हेमंत ऋतु और सूर्य उपासना का महत्व
हेमंत ऋतु को आरोग्य, स्थिरता और आध्यात्मिक जागरण का समय माना गया है। ठंड बढ़ने के साथ शरीर को स्थिर ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पंचांग अनुसार मार्गशीर्ष महीने में सूर्य देव की आराधना से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है, नेत्र और हड्डियों से जुड़े रोग दूर होते हैं, पितृ कृपा मिलती है, नौकरी, पदोन्नति और मान-सम्मान बढ़ता है। सूर्य देव मंगल के मित्र हैं और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ही हैं इसलिए इस संक्रांति से सूर्य की प्रभावशाली शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

How to please Surya Dev in the month of Margashirsha मार्गशीर्ष माह में सूर्य देव को ऐसे प्रसन्न करें
प्रतिदिन सूर्योदय पर जल से अर्घ्य दें।
सूर्य मंत्र “ॐ घृणि: सूर्याय नम:” का जाप करें।
लाल या गेहूं का दान करें
पिता का सम्मान करें, उनसे आशीर्वाद लें
इन उपायों से शरीर, मन और कर्म, तीनों में चमक और प्रगति आती है।
मार्गशीर्ष माह: श्रीकृष्ण और श्रीराम का प्रिय समय
यह महीना केवल सूर्य उपासना का ही नहीं, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम महीना है।
This is the specialty of the month of Margashirsha ये है मार्गशीर्ष महीने की विशेषता
श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
श्रीराम और माता सीता का पावन विवाह मार्गशीर्ष मास में हुआ था।
इस माह में स्नान, दान, व्रत और गीता का पाठ अत्यंत शुभ माना गया है।
विवाह, उपनयन, गृहकार्य, धार्मिक समारोह आदि के लिए उत्तम समय।
Importance of donation in Margashirsha मार्गशीर्ष में दान का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि इस महीने गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, तिल, घी और कंबल का दान करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और घर में समृद्धि बढ़ती है।

