Mandir Place Vastu: घर में मंदिर बनाते समय अपनाएं ये नियम, दूर होंगे संकट
punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 06:03 PM (IST)

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Mandir Place Vastu: वास्तु शास्त्र का हमें जीवन में एक अलग महत्व है। किसी भी कार्य को करने से पहले वास्तु की दिशाओं और नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अक्सर ऐसा होता है कि तमाम पूजा-पाठ के बावजूद भी व्यक्ति के जीवन में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं लेती। व्यक्ति बार-बार यह सोचकर परेशान होता है कि इतनी पूजा-पाठ करने के बाद भी उसके जीवन में इतनी परेशानियां क्यों आ रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका कारण आपकी पूजा में कमी नहीं बल्कि पूजा स्थल के गलत जगह पर होना हो सकता है। वास्तु शास्त्र में 5 ऐसी जगह बताई गई हैं जिसके चलते अगर आप इन स्थानों पर पूजा घर बनवाते हैं, तो जीवन में आए दिन कोई न कोई मुसीबत पैदा होती रहती है। ऐसे में यह जरूरी है कि जब भी घर में मंदिर का निर्माण करवाएं तो वास्तु में बताई गई कुछ जगहों पर करवाने से बचना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार किन जगहों पर मंदिर नहीं बनवाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कभी भी मंदिर को सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए। मान्यता है कि सीढ़ियों के नीचे मंदिर बनवाने से घर में बेवजह ही क्लेश पैदा होता है साथ ही परिवार के सदस्यों को मानसिक अशांति का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही बिना किसी कारण धन की हानि भी होती रहती है।
घर में बनवाए जाने वाले पूजा घर को कभी भी बाथरूम या स्नान घर के पास नहीं बनवाना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र के मुताबिक, ऐसा करने से आपको जीवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और घर के मुखिया को आए दिन कष्ट ही झेलने पड़ते हैं। साथ ही स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पूजा घर को कभी भी बेसमेंट में नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पूजा का फल नहीं प्राप्त होता बल्कि उसको आए दिन किसी न किसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बेसमेंट में मंदिर बनवाने से शनि और राहु का प्रभाव आपके घर पर पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक व्यक्ति को कभी भी शयनकक्ष में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए लेकिन अगर मजबूरी में आपको शयनकक्ष में मंदिर बनवाना पड़ रहा है, तो आप मंदिर के चारो तरफ पर्दे लगा दें।
पूजा घर को कभी भी दक्षिण में नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि ये दिशा यम की होती है। अगर आप इस दिशा में मंदिर बनवाते हैं तो आपके घर अचानक कोई दुर्घटना भी हो सकती है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में स्थापित पूजा घर में मूर्तियों का सही दिशा में होना बहुत जरूरी होता है। ध्यान रखें कि भगवान कोई भी प्रतिमा नैऋत्य कोण यानि कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें अन्यथा व्यक्ति के जीवन में कोई भी काम सफल नहीं होता है।
घर में पूजा घर कहां बनवाना चाहिए
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में मंदिर को स्थापित करने के लिए घर का सबसे शुभ स्थान ईशान कोण यानि कि उत्तर पूर्व दिशा होती है। यह दिशा भगवान के मंदिर को रखने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। ईशान कोण घर का वह पवित्र स्थान है। जहां से शुभ ऊर्जाओं का प्रवेश होता है।