Makar Sankranti 2023: जानें, कब है मकर संक्रांति का त्यौहार 14 या 15 जनवरी
punjabkesari.in Friday, Jan 13, 2023 - 07:47 AM (IST)
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Makar Sankranti 2023: यूं तो हर महीने सूर्य देव एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं लेकिन जब यह अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इसे साल की सबसे बड़ी संक्रांति का नाम दिया जाता है। इस दिन किया हुआ दान-पुण्य कभी खाली नहीं जाता। इस पर्व को देव दान पर्व के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो सूर्य के राशि परिवर्तन के हिसाब से मनाया जाता है। वैसे तो लगभग हर बार यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन वर्ष 2023 में कुछ ज्योतिषिय फेरबदल के कारण इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ रही है। तो आइए जानते हैं, इस बार क्यों 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति और इस दिन बन रहे हैं, कौन से शुभ योग।
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Why Makar Sankranti will be celebrated on 15th January 15 जनवरी को क्यों मनाई जाएगी मकर संक्रांति: इस बार संक्रांति के 15 को पड़ने पर सब असमंजस में हैं। ज्योतिष के अनुसार 14 की रात को सूर्य मकर में प्रवेश करेगा और हिंदू धर्म में उदया तिथि को उत्तम माना जाता है इसलिए जब सूर्य परिवर्तन करेगा, तब संध्याकाल का समय रहेगा। रात में पूजा-स्नान, दान-धर्म के कार्य करना वर्जित होता है। अतः उदया तिथि के हिसाब से संक्रांति 15 को ही मनाई जाएगी।
Special yog is being made on this day इस दिन बन रहा है खास योग: इस साल मकर संक्रांति 15 को मनाई जाएगी और इस दिन रविवार है। रविवार को सूर्य देव की पूजा की जाती है और संक्रांति के दिन भी सूर्य का पूजन किया जाता है। इस रोज सूर्य देवता का पूजन करना बहुत ही खास माना गया है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं और मांगलिक कार्यक्रम, विवाह इस दिन से शुरू हो जाते हैं। धीरे-धीरे सर्दी कम होने लगती है और तापमान बढ़ने लगता है।
Why Makar Sankranti is special क्यों खास है मकर संक्रांति: मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही मां गंगा ने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया था। इसी कारण से गंगा स्नान का बहुत महत्व है।
उसी के साथ इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि देव से मिलने आते हैं। इस वजह से इस दिन को खास कहा जाता है।