Mahesh Navami: कब मनाई जाएगी महेश नवमी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
punjabkesari.in Thursday, Jun 13, 2024 - 04:36 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Mahesh Navami 2024: हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी का पर्व मनाया जाता है। महेश नवमी माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित त्योहार है। इस बार महेश नवमी 15 जून 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सौभाग्य और अखंड ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। अगर इस दिन पूजा के दौरान भोलेनाथ के मंत्रों का नियम के अनुसार जाप किया जाए तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। साथ ही भय, मृत्यु और नश्वरता से मुक्ति पाई जा सकती है। तो आइए जानते हैं महेश नवमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Mahesh Navami 2024 auspicious time महेश नवमी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 15 जून को देर रात 12 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी और नवमी की समाप्ति अगले दिन यानी 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर होगी।
Mahesh Navami Puja Vidhi महेश नवमी पूजा विधि
महेस नवमी के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें।
फिर घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें और गंगा जल का छिड़काव करें।
अब एक चौकी पर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
शिव परिवार के साथ ही शिवलिंग की पूजा और अभिषेक करें।
इसके बाद शिव जी को फूल, गंगा जल, बेलपत्र और माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
अब शिव के समक्ष घी का दीपक जलाएं और शिव के मंत्रों का जाप करें।
अंत में आरती करके व्रत का पारण करें।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥
मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र