Mahatma Budha से जानिए क्या है मुक्ति का पथ

punjabkesari.in Monday, Sep 12, 2022 - 11:38 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भगवान बुद्ध धर्म प्रचार करते हुए काशी की ओर जा रहे थे। रास्ते में जो भी उनका सत्संग सुनने के लिए आता, उसे वह बुराइयां त्याग कर अच्छा बनने का उपदेश देते। इसी दौरान उन्हें उपक नाम का एक गृहत्यागी मिला। 

वह गृहस्थ को सांसारिक प्रपंच मानता था और किसी मागदर्शक की खोज में था। भगवान बुद्ध के तेजस्वी मुख को देखते ही वह मंत्रमुग्ध होकर खड़ा हो गया। उसे लगा कि पहली बार किसी का चेहरा देखकर उसे अनूठी शांति मिली है।

उसने अत्यंत विनम्रता से पूछा, ‘‘मुझे आभास हो रहा है कि आपने पूर्णता को प्राप्त कर लिया है।’’ बुद्ध ने कहा, ‘‘हां, यह सच है। मैंने सर्वोच्च अवस्था प्राप्त कर ली है।’’ उपक यह सुनकर और प्रभावित हुआ। उसने पूछा, ‘‘आपका मार्गदर्शक गुरु कौन है?’’

बुद्ध ने कहा, ‘‘मैंने किसी को गुरु नहीं बनाया। मुक्ति का सही मार्ग मैंने स्वयं खोजा है।’’ 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

PunjabKesari

‘‘क्या आपने बिना गुरु के तृष्णा का क्षय कर लिया है।’’ 

बुद्ध बोले,  ‘‘हां, मैं तमाम प्रकार के पापों के कारणों से पूरी तरह मुक्त हो गया हूं।’’

उपक को लगा कि बुद्ध अहंकारवश ऐसा दावा कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में उसका मन भटकने लगा। एक शिकारी की युवा पुत्री पर मुग्ध होकर उसने उससे विवाह कर भी लिया। फिर उसे लगने लगा कि अपने माता-पिता व परिवार का त्याग कर उनसे एक प्रकार का विश्वासघात किया है। वह फिर बुद्ध के पास पहुंचा। संशय ने पूर्ण विश्वास व श्रद्धा का स्थान ले लिया। वह बुद्ध की सेवा-सत्संग करके स्वयं भी मुक्ति पथ का पथिक बन गया।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News