Maharshi Dadhichi story: पढ़ें, पापियों के नाश के लिए अपने शरीर का त्याग करने वाले महर्षि दधीचि की कहानी

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2025 - 12:22 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Maharshi Dadhichi story: महर्षि दधीचि बचपन से ही परोपकारी और साहसी थे। एक बार एक पेड़ पर एक सांप चढ़ गया। उस पर तोते का एक परिवार रहता था। सांप ने तोते के एक बच्चे को पकड़ लिया। पेड़ के नीचे तमाशबीनों की भीड़ जुट गई थी। उनमें से किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि कोई तोते के बच्चे को बचाने के लिए सामने आए।

PunjabKesari Maharshi Dadhichi story

थोड़ी ही दूरी पर दधीचि खेल रहे थे। शोरगुल सुनकर वह भी वहां आ गए। उन्होंने देखा कि सांप के मुंह में तोते का बच्चा फड़फड़ा रहा है। वह फौरन पेड़ पर चढ़ने लगे। कइयों ने एक साथ कहा, “दधीचि पेड़ पर मत चढ़ो, उतर आओ। जहरीला सांप तुम्हें डस लेगा। एक पक्षी के बच्चे के लिए तुम क्यों अपनी जान जोखिम में डाल रहे हो?”

दधीचि ने कहा, “पक्षी की भी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। वह सांप की परवाह न करते हुए पेड़ पर चढ़ गए और सांप के मुंह से तोते के बच्चे को छुड़ाकर उड़ा दिया। तोता और तोती बच्चे को जीवित पाकर चहचहा उठे। इससे पहले कि सांप दधीचि को डसता, उन्होंने पेड़ से छलांग लगा दी। उन्हें काफी चोट आई।

PunjabKesari Maharshi Dadhichi story

किसी ने उनसे पूछा, “दधीचि, क्या तुम्हें सांप से डर नहीं लगा जो तुम पेड़ पर चढ़ गए।” दधीचि ने कहा, “डरना है तो गलत काम से डरो। अच्छे काम के लिए किसका डर। अच्छा करने वालों की रक्षा तो भगवान खुद करते हैं।” दधीचि की यह भावना आगे चलकर और भी मजबूत होती गई। 

जन कल्याण तथा पापियों के नाश के लिए उन्होंने अपना शरीर तक त्याग दिया था। उनकी हड्डियों से बने अस्त्र से राक्षसों का संहार हुआ।

PunjabKesari Maharshi Dadhichi story


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Sarita Thapa

Related News