यहां जानें, किस एक मंत्र के जाप से प्रसन्न होते हैं भोलेनाथ !

punjabkesari.in Monday, Apr 29, 2019 - 03:55 PM (IST)

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ऐसा माना जाता है कि जो लोग भोलेनाथ के भक्त होते हैं उन्हें किसी बात को डर नहीं होता है। शिव की भक्ति उन्हें इतना समर्थ बना देती हैं कि वह अपनी हर मुसीबत का सामना कर पाते हैं। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और इसी कारण अक्सर आपने देखा होगा कि बाकी दिनों की तुलना में सोमवार के दिन भगवान के मंदिर में उनके भक्तों की भीड़ अधिक देखने को मिलती है। इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि अगर सोमवार के दिन अगर भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप किया जाए तो वह बहुत जल्दी अपने भक्तों की पुकार सुन लेते हैं और वहीं अगर मंत्रों की बात की जाए तो सबसे पहले महामृत्युंजय मंत्र ही हर इंसान के दिमाग में आता है। भविष्य पुराण में इस मंत्र के बारे में कहा गया है कि रोजाना जो भी इसका जाप करता है तो उस व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा तो होता ही है लेकिन उसके साथ-साथ धन, समृद्धि और लम्बी उम्र भी होती है। तो चलिए आज हम बताते हैं इसकी महत्वता और जाप करने के नियम के बारे में-  
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करें इस मंत्र का जापः
ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्‍धनान्।
मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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महत्वः
कहते हैं कि जो कोई भी इस मंत्र का जाप करता है वह हर बीमारी से धीरे-धीरे छुटकारा पा सकता है और ऐसा भी माना जाता है कि लगातार किया गया जाप घर में धन और बरकत पैदा करता है। शास्त्रों में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति इस मंत्र का जाप सवा लाख बार कर लेता है तो उसकी सारी परेशानियां दूर हो जाती है। 
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नियमः
जहां ये एक मंत्र व्यक्ति को लाभ ही लाभ प्रदान करता है तो वहीं दूसरी ओर इसके जाप को लेकर कुछ सावधानियां भी जरूरी होती है। जैसे कि जाप करते समय इसका उच्चारण ठीक ढंग से करना चाहिए और साथ मंत्र को पूरे शुद्ध भाव से जपना चाहिए। कहते हैं कि इस मंत्र का जाप शुद्ध तरीके से सात बार करना चाहिए लेकिन इसके साथ ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि एक भी बार कोई गलती न हो सके, क्योंकि एक गलती आप पर बहुत भारी पड़ सकती है। 
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शास्त्रों में एक बात का खास ध्यान रखना जरूरी होता है कि एक निश्चित संख्या का जाप करें यानि न संख्या बढ़ाएं और न ही कम करें। ऐसा भी कहा जाता है कि मंत्र जाप करते समय आवाज़ मुंह से बाहर नहीं आनी चाहिए। अगर फिर भई आवाज बाहर आए तो कोशिश करें कि वह कम ही हो यानि आपका स्वर धीमा हो और मंत्र जाप केवल रुद्राक्ष की माला से ही करें।   

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